Dehli-NCR Pollution: जुर्माना देकर पराली जला रहे किसान, अगले 3 दिन जहरीली होगी दिल्ली-एनसीआर की हवा

Dehli-NCR Pollution: दिल्ली एनसीआर एक बार फिर से प्रदूषण की चपेट में दिखाई पड़ रहा है. राजधानी का एयर क्वालिटी लेवल खतरे के निशान तक पहुंच गया है. नासा द्वारा जारी तस्वीरों के अनुसार पराली जलाए जाने का धुआं ही इसकी वजह है. यहां तक कि किसान जुर्माना देकर पराली जलाने को तैयार हैं. अगले दो तीन दिन स्थिति खराब रहने वाली हैं.

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Dehli-NCR Pollution: जुर्माना देकर पराली जला रहे किसान, अगले 3 दिन जहरीली होगी दिल्ली-एनसीआर की हवा

Aanchal Pandey

  • October 18, 2018 9:57 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. दिल्ली में हवा की बदतर होती गुणवत्ता ने गुरुवार को सीजन के सबसे खराब स्तर को छू लिया है. पीएम 2.5 और पीएम 10 में बढ़त दर्ज हुई और सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड ने एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 313 पर रखा. नासा द्वारा जारी तस्वीरों के अनुसार इस प्रदूषण का कारण पराली का धुआं है जिसके चलते प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है. देश के उत्तरी मैदानी इलाकों में भी प्रदूषण पहली बार लाल निशान के पार दिख रहा है. पलूशन बोर्ड का कहने है कि आने वाले 2 से तीन दिन हवा के हालात बुरे रहेंगे.

एनजीटी ने पराली जलाने पर जुर्माने के लिए 2016 में आदेश दिया था. पर्यावरण अदालत ने आदेश दिया था कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. पंजाब ने 1981 के वायु अधिनियम की धारा 19(5) के तहत 2013 में एक आदेश जारी कर दिया गया था, जिसमें पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. एनजीटी ने आदेश दिया था कि दो एकड़ जमीन पर किसानों द्वारा पराली जलाने पर 2,500 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि जिनके पास दो से पांच एकड़ जमीन है, उन्हें 5000 रुपये और किसानों को पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानो पर 15,000 रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा लगाया जाएगा। हालांकि, किसानों का तर्क है कि पराली प्रबंधन वाले उपकरण कू तुलना में पर्यावरणीय मुआवजा कम है. ऐसे में बहुत से किसान पर्यावरणीय मुआवजे का भुगतान करना बेहतर समझ रहे हैं.

दूसरी ओर ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान (GRAP)  को लागू करने वाली इन्वाइरनमेंट पलूशन अथॉरिटी (EPCA) ने कहा है कि हवा के इस बदतर हाल का सामना करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. EPCA की डायरेक्टर जनरल सुनीता नारायण ने कहा है कि हम हालातों को कंट्रोल करने पर नजर बनाए हुए हैं. इसके लिए तैयारी पूरी हो बस उस लागू करना है. हमने अन्य संस्थाओं से भी इसके लिए गंभीर होने को कहा है. पराली के धुएं के चलते बिगड़ रही स्थिति को लेकर पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि यदि समय रहत  इसको नहीं रोका गया तो उत्तर भारत एक गैस चैंबर में तबदील हो जाएगा. लोगों के जीवन के लिए पराली जलाए जाने से रोका जाना जरूरी है.

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