नई दिल्ली। भारतीय नौसेना को और आधुनिक बनाने के लिए भारत सरकार ने नई पीढ़ी के लड़ाकू विमान राफेल को नौसेना बड़े में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बता दें कि भारत फ्रांस से 26 राफेल विमान के साथ फ्रांस द्वारा डिजाइन की गई स्कॉर्पियन श्रेणी की 3 पनडुब्बियों के खरीद […]
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना को और आधुनिक बनाने के लिए भारत सरकार ने नई पीढ़ी के लड़ाकू विमान राफेल को नौसेना बड़े में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बता दें कि भारत फ्रांस से 26 राफेल विमान के साथ फ्रांस द्वारा डिजाइन की गई स्कॉर्पियन श्रेणी की 3 पनडुब्बियों के खरीद को भी मंजूर किया है. भारतीय अधिकारियों को नेवी राफेल का डेमो दिया गया, जिसमें राफेल ने यह साबित कर दिया कि वह भारत की जरुरत को समुद्र में भी पूरा करने मे सक्षम है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली DAC की ओर से इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है. भारत के इस कदम से नौसेना की ताकत और बढ़ जाएगी.
राफेल खरीद में कितनी लागत आएगी, इस विषय में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि राफेल के साथ उसमे लगने वाले अन्य उपकरण, पार्ट्स की खरीद एक अंतरसरकारी समझौते पर आधारित होगी. साथ ही कीमत और समझौते पर फ्रांस की सरकार से बातचीत होगी. इस परियोजना की अनुमानित लागत 80 से 85 हजार करोड़ रुपये हो सकती है.
डसाल्ट एविएशन के अध्यक्ष एरिक ट्रेपियर ने इस समझौते पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि हम भारत के साथ साझेदार के रूप में 70वीं वर्षगाठ मना रहे हैं. हम यह विश्वास दिलाते हैं कि राफेल विमान से भारत की जरूरतों को पूरा करेंगे. साथ ही उन्होंने भारतीय अधिकारियों को इस समझौते के लिए धन्यवाद किया.
भारत ने इस प्रस्ताव को ऐसे समय में मंजूरी प्रदान की है, जब PM मोदी फ्रांस के बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस के दौरे पर थे. भारतीय अधिकारी भविष्य के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट सहित नेक्स्ट जेनरेशन के विमान को अपने बड़े में शामिल करने के लिए जेट इंजन का निर्माण फ्रांस की कंपनी के सहयोह से भारत में करने के समझौते पर काम कर रहे हैं, जिससे प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया, आत्म निर्भर भारत के विजन को साकार करने में मदद मिलेगी.
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