श्रीनगर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को 1971 के युद्ध के दिग्गजों के सम्मान समारोह में हिस्सा लिया, इस दौरान उन्होंने भारत और चीन के बीच हुई युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि, चाहे दुनिया की कितनी भी बड़ी ताकत हो वो भारत माता का शीश नहीं झुका सकती है.
रक्षामंत्री ने कहा कि, “इस बार भारत चीन के टकराव के समय मैंने अपनी सेना के शौर्य और पराक्रम को देखा और मेरा भरोसा पक्का हो गया कि दुनिया की बड़ी से बड़ी ताकत भी भारत के शीश को झुका नहीं सकती.” उन्होंने आगे कहा कि, इस देश को महफूज़ रखने का काम अगर हमारी सीमा के सैनिक कर रहे हैं तो इसकी एकता, अखंडता और भाईचारे को बरकरार रखना हमारी जिम्मेदारी है.
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि, “लोकतंत्र में विरोधी दल भी होते हैं. मैं विरोधी दलों पर कोई आरोप नहीं लगाना चाहता लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो कभी कुछ ऐसी बातें बोल देते हैं जो हमारी सेना के साहस और पराक्रम को छोटा दिखता है. ऐसा सुनकर मुझे ठेस पहुंचती है. भारत की संस्कृति इस देश में रहने वाले सभी मजहब के मानने वालों को एक साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है, सेना की वर्दी इसी एकजुटता का प्रतीक है, क्योंकि भारतीय सेना की वर्दी पहन लेने के बाद उसका सिर्फ़ सैन्य धर्म ही होता है.”
इसी कार्यक्रम के दौरान राजनाथ सिंह ने AFSPA का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि, कुछ लोग ये मानते हैं कि AFSPA हटे, ये भारतीय सेना नहीं चाहती है. मैं आज इस मंच से सीधे कहना चाहता हूं कि भारतीय सेना की इंटरनल सिक्योरिटी के मामले में न्यूनतम भूमिका होती है. सेना तो यही चाहती है कि जल्द ही जम्मू और कश्मीर में हालात पूरी तरह से सामान्य हो और वहां से भी AFSPA जल्द हट सके, अभी हाल में ही, असम के 23 जिलों से AFSPA पूरी तरह हटाया गया, मणिपुर और नागालैंड के 15-15 पुलिस थानों से AFSPA हटाया गया और इसके अपने आप में बहुत मायने हैं.
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