रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने राफेल विमानों की कीमत बताने से एक बार फिर इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि राफेल रक्षा सौदे से जुड़ी जानकारी लीक करना चीन और पाकिस्तान को फायदा पहुंचाने जैसा होगा.
नई दिल्लीः राफेल के मुद्दे पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. हाल ही में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर सभी तथ्यों को संसद के सामने रख चुकी हैं तो इस मामले में अब विपक्षी दलों से और बातचीत करना बिल्कुल बेकार है. एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर राफेल डील से जुड़ी जानकारी लीक होती है तो यह चीन और पाकिस्तान को फायदा पहुंचाने जैसा होगा.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि यूपीए सरकार के समय जो राफेल डील हुई थी, एनडीए सरकार ने उससे 9 फीसदी कम दरों पर यह सौदा किया है. उन्होंने कांग्रेस द्वारा राफेल डील को लेकर लगाए जा रहे तमाम आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इस डील में सुरक्षा से जुड़ा कोई भी समझौता नहीं किया है. कांग्रेस के सभी आरोप सरासर झूठे हैं. वह (विपक्षी दल) राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस मुद्दे को तूल दे रहे हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किस बात के लिए चिंतित हैं. वह किसकी मदद करना चाह रहे हैं. क्या वह चीन और पाकिस्तान के चिंतित हैं, जो भारत को होने वाले हर फायदे पर नजर रखता है. सरकार संसद में राफेल विमान की मूल कीमत बता चुकी है. राहुल गांधी इसकी मूल कीमत की अंतिम कीमत से तुलना कर रहे हैं जो सरासर गलत है. मुझे नहीं पता उन्हें ये आंकड़ा कहां से मिला लेकिन किसी बच्चे में भी इतनी समझ होगी कि बेसिक प्राइस की फाइनल प्राइस से तुलना नहीं की जा सकती.’
रक्षा मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद-फरोख्त 2007 में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू हुई थी. जिसके बाद उन्होंने इसे पांच साल के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया. सत्ता में आने से पहले बीजेपी नेताओं द्वारा दो सिरों के बदले पाकिस्तानी सेना के 10 सिर काटने वाले बयान पर निर्मला सीतारमन ने कहा, ‘काट तो रहे हैं लेकिन डिस्प्ले नहीं कर रहे हैं.’