RSS को कौरव बताने वाले बयान पर Rahul Gandhi के खिलाफ दर्ज़ हुआ मानहानि का केस

नई दिल्ली: राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जहां एक तरफ मोदी सरनेम के बड़ा मानहानि मामले में उनकी संसदीय सदस्यता जा चुकी है तो दूसरी ओर उनके एक और पुराने बयान ने उनके लिए नई मुसीबतें खड़ी कर दी है. दरअसल RSS पर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान […]

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RSS को कौरव बताने वाले बयान पर Rahul Gandhi के खिलाफ दर्ज़ हुआ मानहानि का केस

Riya Kumari

  • March 31, 2023 10:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जहां एक तरफ मोदी सरनेम के बड़ा मानहानि मामले में उनकी संसदीय सदस्यता जा चुकी है तो दूसरी ओर उनके एक और पुराने बयान ने उनके लिए नई मुसीबतें खड़ी कर दी है. दरअसल RSS पर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिए गए एक बयान को लेकर राहुल गाँधी पर एक और मानहानि का मामला दर्ज़ किया गया है.

कौरवों से की थी तुलना

बता दें, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जनवरी में राहुल गांधी ने RSS की तुलना कौरवों से कर दी थी. इसी कड़ी में मानहानि का मामला दर्ज़ किया गया है. ये मानहानि का मामला हरिद्वार कोर्ट में दर्ज़ किया गया है. राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज़ करवाने वाले वकील का नाम अरुण भदौरिया है जिन्होंने कमल भदौरिया की ओर से शिकायत दर्ज़ की है. कमल भदौरिया RSS वॉलिंटियर रह चुके हैं जहां 12 अप्रैल को कोर्ट इस मामले में सुनवाई करने जा रही है. कांग्रेस पूर्व सांसद के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत ये मामला दर्ज़ किया गया है.

 

RSS पर राहुल गांधी की टिप्पणी

अब आपको वो बयान बता देते हैं जिसके खिलाफ ये मामला दर्ज़ किया गया है. दरअसल बात उस समय की है जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कुरुक्षेत्र पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए RSS की तुलना कौरवों से कर दी थी. उन्होंने कहा था कि अब कौरव 21वीं सदी में खाकी पैंट पहनते हैं, हाथों में लाठी लेकर खड़े होते हैं और शाखाएं लगते हैं. राहुल ने आगे कहा था कि उनके (RSS) के साथ दो तीन अरबपति लोग खड़े हैं. बता दें, इस मामले में 11 जनवरी को राहुल गांधी को एक लीगल नोटिस भी भेजा गया था जिसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था. इसके बाद कमल भदौरिया ने उनके खिलाफ मामला दर्ज़ करवाया है.

बता दें, राहुल गांधी के खिलाफ ये मामला ऐसे समय में दर्ज़ किया गया है जब पहले ही चार साल पुराने मोदी सरनेम भाषण में उन्हें दो साल की सजा सुनाई जा चुकी है. साथ ही उनकी सांसदी जा चुकी है और उनसे सरकारी बंगला तक ले लिया गया है.

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