कोलकाता: सीएम ममता बनर्जी ने आज यानी मंगलवार, 3 सितंबर को पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पेश किया जो कि पारित हो गया है. इस बिल में दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान है. ममता सरकार ने बिल को ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक’ के नाम से पारित किया […]
कोलकाता: सीएम ममता बनर्जी ने आज यानी मंगलवार, 3 सितंबर को पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पेश किया जो कि पारित हो गया है. इस बिल में दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान है. ममता सरकार ने बिल को ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक’ के नाम से पारित किया है. इस बिल के तहत अगर बलात्कार पीड़िता की मौत हो जाती है तो आरोपी को मृत्युदंड तक दिया जा सकता है.
बता दें कि ममता सरकार के इस बिल को भाजपा ने जल्दबाजी में लिया फैसला बताया है. बीजेपी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि इस मामले पर ममता सरकार को हमारी बातों को भी सुनना चाहिए था.
1. यदि दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो जाती है या फिर वह कोमा में चली जाती है तो ऐसे में दोषी को फांसी दी जाएगी.
2. रेप व गैंगरेप के दोषियों को बिना पैरोल के उम्रकैद की सजा मिलेगी.
3. रेप केस की जांच 21 दिनों में पूरी होगी। इसे 15 दिनों तक आगे बढ़ाया जा सकता है.
4. राज्य के हर जिले में ‘अपराजिता टास्क फोर्स बनेगी, जिसका नेतृत्व DSP लेवल के आला अधिकारी करेंगे.
5. गंभीर अपराधों के मामले में न्यूनतम 7 दिनों के भीतर सुनवाई पूरी करने का प्रावधान.
6. गैंग रेप के मामले में जुर्माना और आजीवन कारावास और मौत की सजा.
7. रेप से जुड़े सभी मामले गैर जमानती धारा के तहत आयेंगे.
8. नए कानून के तहत उम्र कैद में कम से कम सजा 14 साल की सजा है.
9. मीडिया को कोर्ट की कार्यवाही को प्रिंट या पब्लिश करने से पहले इजाजत लेनी पड़ेगी। ऐसा नहीं करने पर जुर्माने के साथ 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान.
10. स्पेशल कोर्ट और स्पेशल जांच टीमें बनेंगी जो रेप विक्टिम से जुड़े हुए मामले को देखेंगे। उनका काम पीड़िता को ट्रॉमा से निकालना भी होगा.
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