Gyanvapi Case: लखनऊ। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में पूजा-पाठ करने की अनुमति को लेकर याचिका दायर की गई थी। याचिका पर आगे सुनवाई होगी या इसे खारिज कर दिया जाएगा, इस पर वाराणसी की जिला अदालत आज अपना फैसला सुनाएगी। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात बता दें कि इस मामले की गंभीरता को ध्यान […]
लखनऊ। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में पूजा-पाठ करने की अनुमति को लेकर याचिका दायर की गई थी। याचिका पर आगे सुनवाई होगी या इसे खारिज कर दिया जाएगा, इस पर वाराणसी की जिला अदालत आज अपना फैसला सुनाएगी।
बता दें कि इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए वाराणसी शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। आज शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम है। संवेदनशील क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। साथ ही लगातार पेट्रोलिंग भी की जा रही है।
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में जिला अदालत सोमवार को फैसला सुनाएगी। वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बीते रविवार को बताया कि विषय की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाए गए है। इसलिए आज वाराणसी में धारा 144 लागू करने का दिशानिर्देश जारी है। वहीं पुलिस अधिकारियों को अपने क्षेत्रों के धर्म गुरुओं के साथ संवाद बनाए रखने का आदेश है।
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश के अनुसार पूरे शहर को सेक्टरों में विभाजित किया गया है। और सभी सेक्टरों में आवश्यकतानुसार पुलिस बल की तैनाती की गई है। संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च और पैदल गश्त लगाई जाएगी। वहीं संवेदनशील इलाकों में त्वरित कार्रवाई बल तैनात करने को कहा गया है। जिले की सीमाओं पर चेकिंग और सतर्कता बढ़ाने का आदेश है। पुलिस लगातार सोशल मीडिया पर भी नजर बनाए रखेगी।
दिल्ली की रहनेवाली राखी सिंह एवं वाराणसी निवासी चार महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर लगे हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिदिन पूजा-अर्चना के लिए एक अर्जी दी थी। इस याचिका को पिछले साल सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दाखिल किया गया था। सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश पर मई में ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे भी हुआ।
मुस्लिम पक्ष ने याचिका का विरोध किया है। मुस्लिम पक्ष ने वीडियोग्राफी सर्वे को उपासना स्थल अधिनियम-1991 का उल्लंघन बताया। इसे पर रोक लगाने के लिए एक याचिका उच्चतम न्यायालय में दाखिल की। जिसे उच्चतम न्यायालय खारिज कर दिया। इसके साथ ही मामले की सुनवाई जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट 19 मई को जिला अदालत में पेश की गई थी। सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग के मिलने का दावा किया, वहीं मुस्लिम पक्ष ने उसे फव्वारा बताया था।
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