आधार पर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम व इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायणमूर्ति के बीच छिड़ी बहस

आईआईटी, बॉम्बे के वार्षिक मूड इंडिगो फेस्टिवल में पहुंचे पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम और इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायणमूर्ति के बीच आधार को लेकर बहस छिड़ गई. एक तरफ जहां चिदंबरम में मोदी सरकार की आधार लिंकिंग योजना के परिणामों को घातक करार दिया वहीं एन.आर. न्यायमूर्ति ने इसे जरूरी बताया.

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आधार पर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम व इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायणमूर्ति के बीच छिड़ी बहस

Aanchal Pandey

  • December 23, 2017 7:46 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

मुंबईः आधार को लेकर पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम और इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायणमूर्ति के बीच शुक्रवार को लेकर शुक्रवार को तीखी बहस छिड़ गई है. जहां चिदंबरम ने एक उदारवादी दृष्टिकोण को रखते हुए आधार पर चिंता जताई वहीं न्यायमूर्ति ने कहा कि निजता की रक्षा के लिए संसद को कानून बनाने की वकालत की. चिदंबरम ने सरकार के हर चीज को आधार से जोड़ने की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार इस बारे में हर चीज को अनसुना कर रही है. वहीं दूसरी तरफ नारायणमूर्ति ने आईआईटी, बॉम्बे के वार्षिक मूड इंडिगो फेस्टिवल को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी आधुनिक देश की तरह ड्राइविंग लाइसेंस के रूप में किसी भी पहचान करना आवश्यक है. लेकिन इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस तरह की पहचान से किसी की निजता का उल्लंघन न हो.

पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि हर लेनदेन को आधार से जोड़ने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर को युवा पुरुषा या महिला, बेशक वह शादिशुदा नहीं हैं और छुट्टियां मनाना चाहते हैं, तो इसमें क्या हर्ज है? यदि किसी व्यक्ति को कॉन्डम खरीदना है तो उसके लिए आधार नंबर व पहचान की क्या जरूरत? चिदंबरम ने सवाल किया कि मैं सरकार को क्यों बताऊं कि मैं कौन सी दवाइयां खरीदता हूं, कौन का सिनेमा देखता हूं, कौन से होटल जाता हूं या कौन मेरे दोस्त हैं. नारायणमूर्ति ने इसका पलटवार करते हुए कहा कि मैं आपसे सहमत नहीं हूं, आप जिन चीजों की बात कर रहे हैं वह सब गूगल पर उपलब्ध हैं.

पी चिदंबरम ने कहा कि मैंने अपने बैंक खातों को आधार से नहीं जोड़ा है. उन्होंने कहा कि आधार से खातों को जोड़ने की गतिविधियों को 17 जनवरी तक रोका जाना चाहिए. नारायणमूर्ति ने कहा कि हमें आधार को रद्दी में नहीं फेंक देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सांसद निजता के लिए कोई कानून नहीं ला पा रहे हैं. ताकि लोगों के व्यक्तिगत जानकारी की रक्षा की जा सके.

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