नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इस दुर्घटना में दो सवारी गाड़ी और एक मालगाड़ी हादसे का शिकार हो गई हैं. अब तक इस हादसे में 288 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं करीब 1000 लोग घायल हुए हैं. बंगाल के […]
नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इस दुर्घटना में दो सवारी गाड़ी और एक मालगाड़ी हादसे का शिकार हो गई हैं. अब तक इस हादसे में 288 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं करीब 1000 लोग घायल हुए हैं.
बता दें कि बालासोर हादसे में बंगाल के 31 लोगों की मौत हुई है. वहीं राज्य के करीब 550 लोग घायल हुए हैं. बंगाल के 25 घायलों का इलाज ओडिशा के अस्पताल में चल रहा है.
ट्रेन हादसे को लेकर रेलवे की तरफ से एक बयान जारी किया गया है. रेलवे अधिकारियों ने बताया है कि बालासोर दुर्घटना के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है, विस्तृत जांच के बाद इसका पता चलेगा. रेलवे अधिकारियों ने ये साफ किया है कि मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी, ये खड़ी थी.
बता दें कि कवच ऐसा सिस्टम है, जिसको हर स्टेशन से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर इंस्टॉल किया जाता है. इसको ट्रेन के साथ, ट्रैक और रेलवे सिग्नल में भी इंस्टॉल किया जाता है. बालासोर हादसे ने रेलवे की सुरक्षा तकनीक पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
दरअसल कुछ महीने पहले ही रेल मंत्रालय ने दावा किया था कि वह ऐसा सिस्टम लाने जा रही है, जिससे रेल हादसे रुक जाएंगे. इस सिस्टम को कवच सिस्टम कहते हैं. कवच सिस्टम का पूरा नाम कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (Train Collision Avoidance System) है. अब बालासोर हादसे के बाद से कवच सिस्टम को लेकर सोशल मीडिया पर कई सारे पोस्ट किए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि अगर भारतीय रेलवे कवच सिस्टम को लागू करती तो इतना बड़ा एक्सीडेंट नहीं होता.
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