पटना: जम्मू कश्मीर के कुलगाम में 2 जून को आतंकियों ने बिहार के पूर्णिया के रहने वाले एक मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. आज रविवार को मजदूर का शव पूर्णिया पहुंचा तो उसके पिता फफक पड़े. उन्होंने दर्द में कहा कि मेरा बेटा दिलखुश 10 दिन पहले पंजाब से रोजगार के लिए कश्मीर गया था. वहां वो ईंट भट्ठा में काम करता था. उसका क्या कसूर था?. उन्होंने कहा कि काश… बिहार में रोजगार होता तो मेरा बेटा मजदूरी के लिए बिहार से नहीं जाता.दिलखुश के पिता नारायण ऋषि ने बताया कि 2 जून की रात नकाबपोश आंतकियों ने मेरे बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी थी, उस वक़्त वो खाना बना रहा था.
तीन दिन के बाद दिलखुश का शव उनके गावं पंहुचा। शव के गावं पहुंचते ही गावं में कोहराम मच गया. ग्रामीणों ने केंद्र सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है. एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि अगर बिहार में रोजगार होता तो उनका बेटा कमाने के लिए कश्मीर नहीं गया होता.
बता दें कि दिलखुश के साथ उसका भाई रोशन कुमार भी कश्मीर काम करने गया था. उसने बिताया कि 2 जून की रात को उनका भाई खाना बना रहा था,तभी अचानक आतंकी आए और उन्होंने उनके भाई और एक अन्य मजदूर को गोली मार दी. दूसरा मजदूर पंजाब का रहने वाला था. रोशन कुमार ने बताया कि कश्मीर में आतंकी गतिविधि के चलते माहौल ख़राब हो गया है और लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है.
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