नई दिल्ली: आज यानी 5 जुलाई को डेटा प्रोटेक्शन बिल कैबिनेट ने मंजूर कर दिया है. इस बिल को संसद के मानसून सत्र में पेश करने की तैयारी की जा रही है. इस बिल के कानून बनने के बाद भारत के सभी व्यक्तिगत डेटा इसके कानूनी क्षेत्र में होंगे जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह का डेटा शामिल किया गया है जिसे बाद में डिजिटलाइज़्ड किया गया हो.
इतना ही नहीं ये कानून वहां पर भी लागू होगा जहां भारतीयों की विदेश से प्रोफ़ाइलिंग की जा रही है या वस्तु एवं सेवाएं दी जा रही है. इस बिल के तहत व्यक्तिगत डेटा तभी प्रोसेस किया जा सकता है जब तक व्यक्तिगत तौर पर सहमति नहीं दी गई हो. ऐसे में डेटा इकट्ठा करने वालों को उसकी सुरक्षा भी करनी होगी और उसके उपयोग के बाद उसे डिलीट करना होगा. सरकारी एजेंसियों को राष्ट्रीय सुरक्षा और क़ानून व्यवस्था के आधार पर इस कानून से छूट मिल सकती है. जहां कानून के प्रावधानों पर निगरानी रखने के लिए डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड बनाने का प्रावधान भी है.
अध्यादेश के ख़िलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पूरे देश में घूम घूम कर विपक्षी पार्टियों से समर्थन की गुहार लगा रहे हैं. ऐसे में संसद के इस सत्र में अध्यादेश पर चर्चा तो होनी ही है साथ ही साथ कॉमन सिविल कोड को लेकर भी विपक्ष हंगामा कर सकता है. इस बार का संसद सत्र नए संसद भवन के नज़रिए से भी खास होने जा रहा है जिसे फिलहाल फिनिशिंग देने का काम चल रहा है. बता दें, 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया था जिस पर भी खूब बवाल हुआ था. हालांकि अब तक नए संसद भवन में मानसून सत्र आयोजित करने को लेकर कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
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