जोशीमठ: उत्तराखंड के जोशीमठ का नज़ारा इस वक़्त बेहद भयावह है. वहाँ दीवारें दरक रहीं हैं और पूरा शहर जमीन में धंस रहा है. आलम ऐसा है कि वहाँ घरों की दीवारों को चीरकर पानी बह रहा है. बदरीनाथ धाम से सिर्फ 50 किलोमीटर दूर स्थित जोशीमठ से कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो […]
जोशीमठ: उत्तराखंड के जोशीमठ का नज़ारा इस वक़्त बेहद भयावह है. वहाँ दीवारें दरक रहीं हैं और पूरा शहर जमीन में धंस रहा है. आलम ऐसा है कि वहाँ घरों की दीवारों को चीरकर पानी बह रहा है. बदरीनाथ धाम से सिर्फ 50 किलोमीटर दूर स्थित जोशीमठ से कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो पूरे देश को डरा रही हैं. लैंडस्लाइड और दरकती दीवारों के चलते कई इलाकों में लोग बेघर हो रहे हैं और दहशत में जी रहे हैं. घरों की दरारें लोगों को बेख़ौफ़ रहने नहीं दे रही हैं. लोग अपने-अपने घर छोड़कर पलायन कर रहे हैं.
जोशीमठ भूस्खलन के बीच यहां के लोगों पर एक और संकट का सामना करना पड़ सकता है. भूस्खलन और मकानों में दरारों के बीच कभी भी पूरे शहर और आसपास के गांवों में अंधेरा छा सकता है। दरअसल, जोशीमठ भूस्खलन के कारण यहां बिजली आपूर्ति का संकट भी गहरा गया है. जमीन में दरारें आने से उत्तराखंड विद्युत निगम निगम के बिजली के खंभे व बिजली की लाइनें कभी भी धराशायी हो सकती हैं। जोशीमठ में भूस्खलन से कई बिजली के खंभे झुक गए हैं तो कई जगहों पर बिजली की लाइनें प्रभावित हुई हैं. भविष्य में झुके खंभों के बड़े खतरे के संकेत को देखते हुए यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन निगम) राज्य ने इन्हें बदलने की तैयारी कर ली है। इतना ही नहीं पिटकुल ने अपने 66 केवी सब स्टेशन को जोशीमठ से शिफ्ट करने में लग गई है.
गंभीर दुर्घटना की आशंका
जोशीमठ में लगातार हो रही जमीन में हो रही दरार और भूस्खलन से यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन निगम) के बिजली के खंभे और केबल खतरे में हैं. बिजली के तार कभी भी गिर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपीसीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार के मुताबिक सभी खंभे जो खतरे में थे, उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिए जाएंगे। लाइनें को भी सुरक्षित करने की कोशिश की जा रही है.