नई दिल्ली: आज 30 दिसंबर की सुबह… जब लोगों की आंखें खुलीं तो उन्हें तीन मायूसी से भरी खबरों से रूबरू होना पड़ा. पीएम मोदी की मां हीराबेन की मौत, फुटबॉल के महान खिलाड़ी पेले की मौत और क्रिकेटर ऋषभ पंत की खतरनाक दुर्घटना। लेकिन आपको बता दें, ऐसा सिर्फ इस साल ही नहीं हुआ […]
नई दिल्ली: आज 30 दिसंबर की सुबह… जब लोगों की आंखें खुलीं तो उन्हें तीन मायूसी से भरी खबरों से रूबरू होना पड़ा. पीएम मोदी की मां हीराबेन की मौत, फुटबॉल के महान खिलाड़ी पेले की मौत और क्रिकेटर ऋषभ पंत की खतरनाक दुर्घटना। लेकिन आपको बता दें, ऐसा सिर्फ इस साल ही नहीं हुआ है, जब दिसंबर ने लोगों को ज़ख्म और तकलीफें दिए हैं. बल्कि कई सालों से यह महीना बहुत दर्दनाक रहा है। ऐसा हम हवा में ही नहीं कह रहे बल्कि 41 साल पहले, दिल्ली में दिसंबर के महीने में ही ऐसी ही एक घटना हुई थी और उस तारीख को भारत का पहला ब्लैक फ्राइडे करार दिया गया था। ऐसे में आइए जानते हैं साल दर साल दिसंबर में कितनी दर्दनाक घटनाएं हुईं?
इतिहास में इस घटना को ब्लैक फ्राइडे के नाम से जाना जाता है, यह घटना 4 दिसंबर 1981 को घटी थी। उस दिन भी शुक्रवार था। बता दें, कुतुब मीनार को देखने करीब 400 लोग पहुंचे थे। उस वक्त्त मीनार पर ऊपर तक जाने की इजाज़त थी. बताया जाता है कि कुतुब मीनार में एक साथ 400 लोग घुसे थे। उस वक्त रोशनी थी, लेकिन अचानक लाइट चली गई और अंदर भगदड़ मच गई। आलम ऐसा हो गया कि लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए और सीढि़यों से नीचे भागने लगे। डरावने माहौल में कुछ लोग ऊंचाई से गिर भी गए। हादसे में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर तादाद बच्चों की थी और ये वाकई बहुत दुखद था.
आजादी के बाद देश में सबसे बड़ी खनन दुर्घटना 1975 में 27 दिसंबर को हुई थी। उस समय धनवाड़ के चासनाला के खदान में रिजर्वायर टूट गया था. इससे खदान में बाढ़ के आसार बन गए और इस हादसे में 350 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
• दर्द-ए-दिसंबर की दास्तान
→ साल 1915 में 3 दिसंबर को भूटान और अरुणाचल प्रदेश में भीषण भूकंप आया था, जिसमें करीब 175 लोग मारे गए थे। उस समय की रिपोर्टों के अनुसार, उस घटना में हजारों लोग शहर छोड़कर भाग गए थे।
→ साल 1984 में 3 दिसंबर को इतिहास की सबसे बड़ी और भीषण गैस त्रासदी हुई। भोपाल में यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री से जहरीली गैस का रिसाव होने लगा जिस से तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. उस दुर्घटना का अंजाम आज भी लोग भुगत रहे हैं क्योंकि हजारों लोग आज भी विकृतियों के साथ जन्म लेते हैं।
→ साल 1995 में 23 दिसंबर को हरियाणा के सिरसा जिले के एक स्कूल आग की चपेट में आ गया था और इस हादसे में 400 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी.
→ 1992 में 6 दिसंबर को कारसेवकों ने अयोध्या में विवादित ढांचे को गिरा दिया था. इसके बाद देश के कई हिस्सों में दंगे-फसाद हुए। जो कई लोगों की मौत की वजह बनी है.
→ साल 2001 में, 13 दिसंबर को, भारतीय सांसद पर आतंकवादियों ने हमला किया था। इस हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई। जिसमें 18 लोग घायल भी हो गए।
→ साल 2012 में 16 दिसंबर को निर्भया कांड नई दिल्ली में एक चलती बस में हुआ था। जिसने इंसानियत को भी शर्मसार करके रख दिया था, गैंगरेप पीड़िता की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।