लखनऊ: लोकसभा सभा चुनाव से पहले नेताओं के दल बदलने की प्रक्रिया तेज हो गई है. इसी क्रम में पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान ने चौहान ने सपा की सदस्यता के साथ विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. वह मऊ जिले के घोसी विधानसभा से सपा के टिकट पर MLA चुने गए […]
लखनऊ: लोकसभा सभा चुनाव से पहले नेताओं के दल बदलने की प्रक्रिया तेज हो गई है. इसी क्रम में पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान ने चौहान ने सपा की सदस्यता के साथ विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. वह मऊ जिले के घोसी विधानसभा से सपा के टिकट पर MLA चुने गए थे,और अब 16 जुलाई को लखनऊ के भाजपा दफ्तर पर पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे.
सपा छोड़ने के बाद दारा सिंह चौहान ने रविवार को अपना इस्तीफा ई-मेल के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को भेज दिया हैं. उन्होंने फोन पर भी सतीश महाना से बात की. रविवार को अवकाश की वजह से उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा सका माना जा रहा है कि उनका इस्तीफा सोमवार को स्वीकार कर लिया जायेगा .
दारा सिंह ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत बसपा से की थी. वह साल 1996 व 2000 में बसपा राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. इसके अलावा वह 2009 में बसपा के ही टिकट पर घोसी से लोकसभा चुनाव जीते और फिर बसपा से उनका मोह भंग हो गया और उन्होंने फरवरी 2015 में दिल्ली में भाजपा का दामन थाम लिया ,वर्ष 2017 में वह मधुबन से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने. उसके बाद वर्ष 2022 में भाजपा को OBC विरोधी बताकर सपा के साथ हो गए और सपा टिकट पर घोसी से विधायक चुने गए ,लेकिन फिर लोकसभा चुनाव से पहले एक बार भाजपा में शामिल होने जा रहे है.
पिछले साल 2022 विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सपा में शामिल हुए थे तब इसे सपा ने बड़ी सफलता के रूप में प्रचारित किया था. OBC वर्ग के (नोनिया जाति) से आने वाले दारा सिंह चौहान मऊ और आजमगढ़ में अपने जाति के लोगों में खासा प्रभाव रखते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले उनका पार्टी छोड़ना सपा के लिए झटका माना जा रहा है.
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