एससी/एसटी एक्ट पर वर्तमान परिस्थितियों का हवाला देते हुए यूपी के एएसपी बीपी अशोक ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति, राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को भेजा है. इसमें उन्होंने अपनी 7 मांगों का जिक्र किया है. दलित एट्रोसिटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के हालिया संशोधन को लेकर दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया था.
लखनऊ. एससी/एसटी एक्ट पर चल रहे देशभर के प्रदर्शन के बीच उत्तर प्रदेश के एक अपर पुलिस अधीक्षक ने देश की वर्तमान परिस्थितियों से आहत होने की बात कहते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है. इस्तीफा देने वाले अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) का नाम बीपी अशोक है. उन्होंने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दिया है. वे उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रशिक्षण निदेशालय में तैनात थे.
एएसपी बीपी अशोक ने राष्ट्रपति, राज्यपाल और उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक को भेजे अपने पत्र में कुल 7 मांगों का जिक्र किया है. इसमें उन्होंने संसदीय लोकतंत्र को बचाए जाने की भी अपील की है. साथ ही जाति के खिलाफ स्पष्ट कानून बनाने की भी मांग की है. राष्ट्रपति, सूबे के राज्यपाल समेत कई उच्च अधिकारियों को पत्र लिखते हुए एएसपी बीपी अशोक ने मांग की है कि सरकार या तो उनकी मांग मान ले या फिर उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए.
बीपी अशोक ने पत्र में लिखा है कि देश में जिस तरह की परिस्थितियां पैदा हो रही हैं उनसे उन्हें भारी आघात पहुंचा है. इसी कारण वे अपने जीवन का एक बेहद कठोर निर्णय ले रहे हैं. हालांकि अभी तक उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन द्वारा एएसपी बीपी अशोक के इस्ताफे के स्वीकार किए जाने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. बता दें कि एससी/एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन के विरोध में सोमवार को दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया था. इस मौके पर कई राज्यों में हिंसा की घटनाएं सामने आईं. इस प्रदर्शन के दौरान नौ लोगों की मौत हो गई है.
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