गुरूग्राम। तिब्बती धर्म गुरू इस समय दिल्ली-एनसीआर दौरे पर है। इस बीच आज उन्होंने भारत और चीन के बीच अंतर बताया है। दलाई लामा ने कहा कि दोनों विश्व की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं। जहां चीन में पिछले कुछ दशकों में काफी उतार चढ़ाव आए हैं, वहीं भारत में लोकतंत्र और धार्मिक स्वतंत्रता की परंपरा है।
दलाई लामा ने कहा कि चीन और भारत दो सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं। चीन में हाल के दशक में बहुत सारे उतार चढ़ाव आए हैं। लेकिन भारत में लोकतंत्र और धार्मिक स्वतंत्रता है। भारत की परंपरा है कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है जो बहुत अच्छी बात है।
बता दें कि इससे पहले दलाई लामा ने कहा था कि चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है। मैं भारत को पसंद करता हूं। कांगड़ा-पंडित नेहरू की पसंद, यह जगह मेरा स्थायी निवास है।
गौरतलब है कि अक्टूबर 1950 में चीन ने तिब्बत पर हमला करके तिब्बती सेना को हरा दिया था। जिसके बाद 1951 में तिब्बत ने चीन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया। इस समझौते के बाद तिब्बत पर चीन का कब्जा हो गया। चार साल बाद 1955 में तिब्बत में चीन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन होने लगे। 1959 में राजधानी ल्हासा में हुए विरोध-प्रदर्शन को चीन ने सैन्य कार्रवाई कर बेरहमी से कुचल दिया। खबर थी कि चीन दलाई लामा को बंधक बनाना चाहता है। जिसके बाद दलाई लामा एक सैनिक का वेश धारण कर भारत चल आए। तब से लेकर अब तक वह यहीं पर रह रहे हैं।
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