नई दिल्ली. टाटा समूह के चेयरमैन और शापूरजी पालोनजी ग्रुप के एमडी रहे अरबपति कारोबारी साइरस मिस्त्री का रविवार को एक सड़क हादसे में निधन हो गया, 54 साल के साइरस मिस्त्री की महाराष्ट्र में पालघर के पास एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई, कारोबार परिवार से ताल्लुक रखने वाले साइरस मिस्त्री के जीवन […]
नई दिल्ली. टाटा समूह के चेयरमैन और शापूरजी पालोनजी ग्रुप के एमडी रहे अरबपति कारोबारी साइरस मिस्त्री का रविवार को एक सड़क हादसे में निधन हो गया, 54 साल के साइरस मिस्त्री की महाराष्ट्र में पालघर के पास एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई, कारोबार परिवार से ताल्लुक रखने वाले साइरस मिस्त्री के जीवन की सबसे अहम घटना Tata Sons का चेयरमैन बनने की ही रही. साइरस मिस्त्री एक समय रतन टाटा के सबसे करीबियों में से एक थे.
दरअसल साइरस पालोनजी मिस्त्री (Cyrus Mistry) को 28 दिसंबर, 2012 को टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था. मिस्त्री ने छठे चेयरमैन के तौर पर ग्रुप में कार्यभार संभाला था, लेकिन मिस्त्री को पद से अचानक हटा दिया गया था, मिस्त्री को अचानक पद से हटाए जाने पर टाटा ग्रुप का कहना था कि बोर्ड ने अपनी सामूहिक बुद्धि और टाटा ट्रस्ट के शेयरहोल्डरों की सलाह पर यह फैसला किया है, ये फैसला टाटा संस और टाटा ग्रुप के बेहतरी और बदलाव के लिए ज़रूरी था. जब मिस्त्री को हटाया गया था कि उस वक्त टाटा संस के 18.5 फीसदी शेयर इसी परिवार के पास थे और इस तरह से यह सबसे बड़े शेयरहोल्डर थे.
अचानक साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को पद से हटाए जाने से हर कोई हैरान था क्योंकि साइरस मिस्त्री जब टाटा संस के चेयरमैन बने थे, उस समय कंपनी का कारोबार 100 अरब डॉलर के करीब था, तब मिस्त्री से यह उम्मीद जताई जा रही थी कि वे साल 2022 तक इस कारोबार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचा देंगे. लेकिन अचानक टाटा संस के बोर्ड ने 24 अक्टूबर, 2016 को साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था, साइरस मिस्त्री को उस समय बहुत बड़ा झटका लगा था.
टाटा बोर्ड ने आरोप लगाया था कि साइरस मिस्त्री की अगुवाई में टाटा ग्रुप की रफ्तार सुस्त हो गई और ग्रुप उस रफ्तार से आगे नहीं बढ़ पाया जैसी अपेक्षाएं उनसे की गई थीं. लेकिन NCALT में मिस्त्री की ओर से याचिका में कहा गया कि मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने का काम ग्रुप के कुछ प्रमोटर्स ने किया
है, मिस्त्री इस्तीफा इनके उत्पीड़न की वजह से था. याचिका के दूसरे हिस्से में आरोप लगाया गया कि ग्रुप और रतन टाटा के अव्यवस्थित प्रबंधन की वजह से ग्रुप को काफी वित्तीय नुकसान हुआ है.
जब साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप (Tata Group) का चेयरमैन बनाया गया था, उसके अगले एक साल तक उनके रतन टाटा के साथ बहुत अच्छे संबंध थे. एक समय तो ऐसा भी आया था जब रतन टाटा मिस्त्री को ट्रस्टों में कोई भूमिका देने के बारे में सोच रहे थे और वो तो यहां तक पहुंच गए थे कि वे अपने अवकाश लेने के बाद कोई ऐसा रास्ता बनाना चाहते थे, जिससे मिस्त्री इन ट्रस्टों के उत्तराधिकारी बन सकें.
मालूम हो कि गुजरात से लौटते वक्त रविवार को मुंबई के पास पालघर में ड्राइवर ने कार से अपना नियंत्रण खो दिया, जिससे यह दर्दनाक हादसा हो गया. इस हादसे में साइरस मिस्त्री के साथ एक और शख्स की भी जान चली गई है. हादसे के वक्त कार में कुल चार लोग मौजूद थे.