नई दिल्ली: सागर की वजह से तटीय इलाकों पर चक्रवात का खतरा हमेशा ही मंडरा रहता है. ऐसी दुविधा का सामना अरब सागर करने वाला है मौसम विभाग भविष्यवाणी के मुताबिक अरब सागर में सोमवार की रात को एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है. जो चक्रवात में तब्दील हो सकता है. ये मानसून […]
नई दिल्ली: सागर की वजह से तटीय इलाकों पर चक्रवात का खतरा हमेशा ही मंडरा रहता है. ऐसी दुविधा का सामना अरब सागर करने वाला है मौसम विभाग भविष्यवाणी के मुताबिक अरब सागर में सोमवार की रात को एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है. जो चक्रवात में तब्दील हो सकता है. ये मानसून के बाद के पहला चक्रवात हो सकता है. साथ ही अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों पर चक्रवाती वितरण की स्थिति बन रही है. मगर इस पर कोई ठोस अनुमान नहीं मिले है.
कुछ प्राइवेट मौसम एजेंसी का कहना है कि भूमध्यरेखीय क्षेत्र के बगल में स्थित अरब सागर के दक्षिण पूर्वी हिस्सों में ऐसी स्थितियां बन रही हैं, जहां सकारात्मक आईओडी और एमजेओ की अनुकूलता के कारण गर्म हिंद महासागर में मिलकर एक साथ ही जल्द एक चक्रवाती खलबली पैदा हो सकती है.
रिपोर्ट के अनुसार
स्काईमेटवेदर ने 13 अक्टूबर एक प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ’15 अक्टूबर के आस-पास दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती खलबली होने की संभावना है. यह लगभग अगले 72 घंटों में समुद्र के चरम दक्षिण-मध्य भागों में तब्दील हो सकता है तथा निम्न दबाव क्षेत्र के रूप का स्वरूप ले सकता है. जबकि बेहद निम्न अक्षांश और प्रतिकूल पर्यावरणीय स्थितियां है कि चक्रवाती हवाओं में किसी भी तरह से तेजी में वृद्धि का संकेत नहीं देती हैं.
चक्रवात का किया जाएगा नामकरण
शुरूआती पूर्वानुमानों के अनुसार, प्रतिरूप परिस्थितियों में यह संभावित निम्न दबाव क्षेत्र जल्द ही एक चक्रवात का रूप ले सकता है और चक्रवात बनता है तो उसका नाम ‘तेज’ रखा जाएगा.