Cyclone Ockhi: भारत के दक्षिण में लक्षद्वीप, केरल और तमिलनाडु राज्य में 'ओखी' तूफान ने भयंकर तबाही मचाई हुई है. अब तक इसकी वजह से 12 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
अहमदाबाद. ओखी तूफान पिछले कई दिनों से तामिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप में कहर बरपाने के बाद अब गुजरात और महाराष्ट्र की ओर बढ़ रहा है. आशंका जताई जा रही है कि तूफान अगल 48 घंटों में इन दोनों राज्यों में भारी तबाही मचा सकता है. ओखी तूफान दिन-प्रति-दिन विकराल रुप लेता जा रहा है. इस तूफान के कारण दक्षिण भारत के राज्यों में हजारों लोग घर से बेघर हो चुके हैं. कई लोगों की मौत हो गई है. जबकि सैकड़ों लापता है. मौसम विभाग के अनुसार इस समय यह दक्षिण पूर्व अरब सागर में है.
मौसम विभाग के अनुसार ओखी तूफान अगले 48 घंटों में और विकराल रुप धारण कर लेगा. जिसके चलते आपदा प्रबंधन और कोस्ट गार्ड की टीमें मिलकर समुद्र में 12 बोट्स में सवार मछुआरों को बचाने में लग गई हैं. मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटों में हवा की रफ्तार 120 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की हो सकती है.
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अब यह साइक्लोन लक्षद्वीप को छोड़ चुका है. ओखी तूफान 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लक्षद्वीप से दूर जा रहा है. विभाग के अनुसार 3 दिसंबर की सुबह से इस साइक्लोन की ताकत लक्षद्वीप में घटनी शुरू हो गई है. 4 दिसंबर को इसमें चल रही तेज हवाओं की रफ्तार 90 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रह गई है. वहीं मौसम विभाग ने 4 दिसंबर से उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात के सभी इलाकों में मछुआरों को समंदर से दूर रहने की सलाह दी है.
शनिवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया था कि चक्रवात ओखी के कारण केरल और लक्षद्वीप तट के पास समुद्र में फंसे 531 मछुआरों को बचाया गया है. केरल से अब तक 393 लोगों को बचाया गया है. लक्षद्वीप के 10 द्वीपों पर 31 राहत शिविर खोले गए हैं. अब तक 1047 लोगों को राहत शिविरों तक पहुंचाया गया है.
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