गांधीनगर: दक्षिण-पूर्व अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान एक दिन पहले गुजरात के तट से टकराने के बाद कल शुक्रवार (16 जून) को आगे बढ़ गया और पीछे तबाही के निशान छोड़ गया। तूफान के बाद होने वाले नुकसान का आकलन करना अभी मुश्किल है, लेकिन हर तरफ टूटे घर, उखड़े बिजली के खंभे हालात […]
गांधीनगर: दक्षिण-पूर्व अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान एक दिन पहले गुजरात के तट से टकराने के बाद कल शुक्रवार (16 जून) को आगे बढ़ गया और पीछे तबाही के निशान छोड़ गया। तूफान के बाद होने वाले नुकसान का आकलन करना अभी मुश्किल है, लेकिन हर तरफ टूटे घर, उखड़े बिजली के खंभे हालात बता रहे हैं। इतना ही नहीं तकरीबन 600 पेड़ सड़कों पर गिर गए जिन्हें अब हटाया जा रहा है। वहीं गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र में कल शुक्रवार को मूसलाधार बरसात हुई।
आईएमडी ने आज शनिवार (17 जून) सुबह जानकारी दी है कि गुजरात के तटीय क्षेत्रों में दस्तक देने के बाद चक्रवात ‘बिपरजॉय’ कमजोर होकर गहरे दबाव में बदल गया है। इसके अगले 12 घंटों में ‘दबाव’ में बदलने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात दक्षिण पूर्व पाकिस्तान के ऊपर कल शुक्रवार देर रात 11:30 बजे ‘डीप डिप्रेशन’ में कमजोर हो गया। आईएमडी ने एक ट्वीट के जरिए बताया कि चक्रवात बिपारजॉय कल शुक्रवार रात 11:30 बजे दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से सटे दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान और धोलावीरा से करीब 100 किमी उत्तर-पूर्व में कच्छ के ऊपर एक गहरे दबाव में कमजोर पड़ गया है। साथ ही विभाग का कहना है कि आने वाले 12 घंटों के दौरान और कमजोर होकर डिप्रेशन में तब्दील हो जाएगा।
बताया जा रहा है कि चक्रवात बिपरजॉय ने राज्य में कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्र के 8 जिलों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है। लेकिन पूर्व चेतावनी सिस्टम और पुख्ता तैयारियों ने किसी प्रकार की जनहानि नहीं होने दी है। वक्त रहते एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया था। इसको लेकर अधिकारियों ने कहा है कि तूफान के आने पर किसी भी तरह की जनहानि न होना सबसे बड़ी बात है।
Cyclone Biparjoy: चक्रवात ‘बिपरजॉय’ समुद्र से जमीन की ओर बढ़ा, गुजरात में भारी बरसात, 22 घायल