नई दिल्ली: इस बीच एक सवाल ये भी है कि आखिर ये चक्रवाती तूफ़ान मैदानी इलाकों को किस तरह से प्रभावित करेगा. आइए जानते हैं मैदानी इलाकों में इस तूफ़ान का क्या होंगे प्रभाव. बता दें, बिपरजॉय का असर राजस्थान समेत 10 राज्यों में होगा जिसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश का नाम भी शामिल है. आइए […]
नई दिल्ली: इस बीच एक सवाल ये भी है कि आखिर ये चक्रवाती तूफ़ान मैदानी इलाकों को किस तरह से प्रभावित करेगा. आइए जानते हैं मैदानी इलाकों में इस तूफ़ान का क्या होंगे प्रभाव. बता दें, बिपरजॉय का असर राजस्थान समेत 10 राज्यों में होगा जिसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश का नाम भी शामिल है. आइए जानते हैं मैदानी इलाकों में इस चक्रवाती तूफ़ान का क्या असर होगा.
गौरतलब है कि इस समय भारत के मैदानी इलाके लू और गर्मी की चपेट में हैं. ऐसे में कई मैदानी इलाकों के मौसम पर बिपरजॉय का असर देखने को मिल सकता है जिसमें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नाम भी शामिल है. मौसम विभाग द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार राजस्थान, महाराष्ट्र कर्नाटक लक्षद्वीप, केरल जैसे कई तटीय राज्यों में बिपरजॉय अपना कहर दिखाएगा. इसके अलावा नार्थ ईस्ट के असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में भी इस चक्रवाती तूफ़ान की वजह से बारिश होने के संकेत दिए गए हैं. इसका असर इस साल के मानसून पर भी पड़ा है जहां भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप और पूर्वी भारत के हिस्सों में 18 से 21 जून तक मानसून आगे बढ़ सकता है.
इसके अलावा राजस्थान के बाड़मेर और जालोर में बिपरजॉय का असर देखने को मिल रहा है. कई इलाकों में आंधी के साथ बारिश दिखाई दे रही है. मौसम विभाग के अनुसार 16 से 17 जून को भी राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. जालोर, बाड़मेर, पाली, जोधपुर और नागौर जिलों में भी बिपरजॉय का असर दिखाई देगा. हरियाणा और पंजाब के भी कई इलाकों पर इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है. बिपरजॉय और वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से पंजाब में भी 18 जून तक बारिश हो सकती है.
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