Custody Of Adopted Child: भारत में बच्चों को वंश बढ़ाने और परिवार को संपन्न बनाने का जरिया माना जाता है। लेकिन हर किसी को भगवान बच्चे नहीं देता। कुछ लोग बायोलॉजिकल तरीके से मां-बाप नहीं बन पाते, पर बच्चे को गोद लेकर पापा-मम्मी बनने का सपना पूरा कर सकते हैं।
बच्चे को अडॉप्ट करना एक सामान्य प्रक्रिया है, खासकर पश्चिमी देशों में। अब भारत में भी कई लोग बच्चे गोद ले रहे हैं, चाहे वह ऑर्फनेज होम से हो या रिश्तेदारों से। बच्चा गोद लेने के लिए कानूनी तौर पर उसकी कस्टडी लेना जरूरी होता है। आइए जानते हैं इसकी प्रक्रिया।
1. शादीशुदा दंपत्ति के लिए
– शादी को कम से कम 2 साल पूरे होने चाहिए।
– माता-पिता और बच्चे में 25 साल का ऐज गेप होना चाहिए।
2. अकेले पुरुष के लिए
– वह सिर्फ लड़का ही गोद ले सकता है।
3. अकेली महिला के लिए
– वह लड़का या लड़की किसी को भी गोद ले सकती है।
1. ऑनलाइन आवेदन
– सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) की वेबसाइट cara.nic.in पर जाएं।
– ऑनलाइन एप्लीकेशन फाइल करें।
– आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो, शादी का प्रमाण पत्र और फिटनेस प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज जमा करें।
2. होम विजिट
– एक एजेंसी आपके घर की जांच-पड़ताल करती है।
3. कस्टडी प्रक्रिया
– जिला अधिकारी कार्यालय से बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट बनाया जाता है।
– गोद लेने वाले माता-पिता को कानूनी तौर पर बच्चे की कस्टडी मिल जाती है।
4. फीस
– बच्चा गोद लेने के लिए कुछ फीस भी चुकानी होती है।
इस प्रक्रिया के बाद आप कानूनी रूप से बच्चे के माता-पिता बन जाते हैं और आपके परिवार में एक नया सदस्य शामिल हो जाता है।
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