नई दिल्ली: लाहौर में इमरान खान की रैली को रोकने के लिए सरकार की हर कोशिश धरी की धरी रह गयी। पुलिस ने रैली रोकने के लिए मीनार-ए-पाकिस्तान की ओर जाने वाली सभी सड़कों को कंटेनरों और बैरिकेड्स से बंद कर दिया था लेकिन इसका लोगों पर कोई असर नहीं हुआ और लोगों ने जमकर […]
नई दिल्ली: लाहौर में इमरान खान की रैली को रोकने के लिए सरकार की हर कोशिश धरी की धरी रह गयी। पुलिस ने रैली रोकने के लिए मीनार-ए-पाकिस्तान की ओर जाने वाली सभी सड़कों को कंटेनरों और बैरिकेड्स से बंद कर दिया था लेकिन इसका लोगों पर कोई असर नहीं हुआ और लोगों ने जमकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई ।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार की रात को मीनार-ए-पकिस्तान में एक बड़ी रैली की। पाकिस्तान सरकार ने इस रैली को रोकने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जिसके चलते उन्होंने विशेष तौर पर लाहौर शहर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी साथ ही शहर के बॉर्डर पर कंटेनरों और बैरिकेड्स से रास्तों को ब्लॉक कर दिया था।
इन सब का समर्थकों पर कोई असर नहीं हुआ और रैली में लोग भारी संख्या में शामिल हुए जिसमे महिलाओं की संख्या भी कुछ काम नहीं थी। इस पर इमरान ने कार्यक्रम में कहा कि आज सरकार संदेश मिलेगा कि कोई भी रूकावट लोगों के जुनून को कम नहीं कर सकती है।
रैली में इमरान ने अपनी पार्टी के लगभग 2000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने व उनको प्रताड़ित करने के लिए शहबाज़ सरकार की निंदा की। इसके बाद इमरान ने एक आर्थिक रोडमैप की पेशकश की जिसकी मदद से पकिस्तान को आर्थिक दलदल से बाहर निकाला जाना संभव हो सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा सरकार को चुनौती देते हुए ये कहा कि अगर सरकार के पास इसे बेहतर कोई एजेंडा है तो इमरान घर भी बैठने को तैयार है।
इमरान ने रैली में अपने ऊपर लगे 100 से भी ज्यादा केसों का ज़िक्र करते हुए शहबाज़ सरकार पर तंज कैसा और बोले कि अगर कानून का शासन ही सही नहीं है तो पाकिस्तान कोई भविष्य नहीं होगा।