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हाईकोर्ट जज के घर से करोड़ों की नकदी बरामद, उपराष्ट्रपति धनखड़ बोले, “अगर वो होते तो हिट लिस्ट में आ जाते” लेकिन…

Delhi HC judge House Fire दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से करोड़ों की नकदी मिलने से हड़कंप मच गया है। दरअसल मौजूदा न्यायाधीश के आवास में आग लग गई थी जिसे बुझाने पहुंचे कमकल कर्मियों ने जब वहां नोटों का भंडार देखा तो सब हैरान रह गए। मामला अब राज्यसभा तक पहुंच चुका है जहां सभापति जगदीप धनखड़ का भी रिएक्शन सामने आया।

Jaydeep Dhankad
  • March 21, 2025 4:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 day ago

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश के घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने की खबर सामने आने के बाद मामला संसद तक पहुंच गया है। यह मामला तब सामने आया जब न्यायाधीश के आवास में आग लगने के बाद दमकल कर्मी उसे बुझाने पहुंचे। आग पर काबू पाने के दौरान वहां मौजूद कर्मियों को नकदी का एक बड़ा भंडार मिला, जिसमें 15 करोड़ रुपए कैश मिलने की संभावना जताई जा रही है।

न्यायाधीश का तबादला

इस घटना के बाद देश की सर्वोच्च न्यायिक प्रणाली में हलचल मच गई। मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायाधीश का स्थानांतरण कर दिया है। यह मामला अब राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है।

सभापति ने दिए बयान

इस मुद्दे को शुक्रवार को राज्यसभा में उठाया गया, जहां सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस मामले पर चर्चा के लिए एक उचित तंत्र तैयार किया जाएगा, ताकि न्यायिक जवाबदेही पर विचार किया जा सके। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सत्र के दौरान यह मामला उठाया और न्यायपालिका में जवाबदेही की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक पूर्व मामले का भी जिक्र किया, जिसमें 50 सांसदों ने एक न्यायाधीश की टिप्पणियों को लेकर संसद में नोटिस दिया था।

राजनीतिक जगत में प्रतिक्रिया

जयराम रमेश ने कहा कि न्यायपालिका की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले सभापति धनखड़ खुद न्यायिक जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दे चुके हैं।

सभापति धनखड़ ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि इसी तरह की घटना किसी राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति से जुड़ी होती, तो वह तुरंत चर्चा का विषय बन जाता। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर सदन के नेता और विपक्ष के नेता से चर्चा करेंगे और इस विषय पर एक व्यापक बहस के लिए तंत्र तैयार करेंगे।

न्यायपालिका में पारदर्शिता की मांग

इस घटना के सामने आने के बाद न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग जोर पकड़ने लगी है। राजनीतिक और कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला न्यायिक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को उजागर करता है। अब देखना होगा कि इस मामले पर सरकार और न्यायपालिका क्या कदम उठाते हैं।

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