सेना ने सरकार से कहा है कि जब तक डीआरडीओ की तरफ से तैयार की गई एंटी-टैंक मिसाइल नहीं आती तब तक उन्हें कुछ टैंक किलर मिसाइलें मुहैया करवाई जाएं. सेना के पास इस समय 68,000 एंटी टैंक गाइड मिसाइल और अलग-अलग तरह के 850 लॉन्चर्स की कमी है.
नई दिल्ली. इन दिनों भारत अपने पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों से जूझ रहा है, वहीं इस बीच एक चौंकाने और डराने वाली खबर सामने आई है. भारतीय सेना ने एक बार फिर से मोदी सरकार के सामने एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की कमी को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. भारतीय सेना की ओर से सरकार को सलाह दी गई है कि जब तक डीआरडीओ की ओर तैयार एंटी टैंक मिसाइल्स नहीं आ जाती हैं, तब तक कुछ टैंक किलर मिसाइलों को सेना को दिया जाए.
रिपोर्ट्स के अनुसार इस समय भारतीय सेना में 68,000 एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों और 850 लॉन्चर्स की भारी कमी है. जोकि गहरी चिंता का विषय है क्योंकि पाकिस्तान से लगी सीमा पर इन हथियारों की खासी जरूरत होती है. सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना अब कंधे पर रखकर लॉन्च की जाने वाली 2500 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों और 96 लॉन्चर्स को बिना तकनीकी हस्तांतरण के बिना ही बेड़े में शामिल करना चाहती है. सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि वो इजरायल की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ATGM या फिर अमेरिका के FGM-148 को खरीदने का फैसला लेती है.
भारतीय सेना की ओर से एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की यह मांग सरकार के उस फैसले के बाद आई है, जिसके तहत मोदी सरकार ने इजरायल के साथ 3,200 करोड़ रुपये की डील को रद्द कर दिया. इस डील के तहत मिडियम रेंज की 8,356 स्पाइक एंटी-टैंक मिसाइल खरीदी जानी थी. इसके अलावा इजरायल से 321 लॉन्चर्स और 15 सिमुलेटर्स की खरीद की जानी थी. बता दें कि इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने उम्मीद जताई थी कि एक बार फिर से स्पाइक डील ट्रैक पर आ सकेगी.