Covid Death 5 Times Higher in India: कोरोना से मृतकों की संख्या रोजाना स्वायथ्य मंत्रालय जारी करता है, लेकिन वास्तविक में मृतकों का आंकड़ा सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह संख्या विचलित करती है, फिर भी वायरस के फैलाव की सही स्थिति नहीं दिखाई जाती है।
नई दिल्ली/ देश में कोरोना की दूसरी लहर भयावह रूप ले चुकी है। रोजाना लोग कोरोना की चपेट में आ रहे है, कोविड से होने वाली मौतों का आंकड़ा लोगों में दहशत फैला रहा है। अस्पतालों में बेड खत्म हो चुके है, ऑक्सीजन की भारी कमी होती जा रही है। मरीज ऑक्सीजन की कमी से अपना दम तोड रहे है। ऑक्सीजन को लेकर डॉक्टर्स पैनिक में है।
कोरोना से मृतकों की संख्या रोजाना स्वायथ्य मंत्रालय जारी करता है, लेकिन वास्तविक में मृतकों का आंकड़ा सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह संख्या विचलित करती है, फिर भी वायरस के फैलाव की सही स्थिति नहीं दिखाई जाती है। मृतकों का डेटा छुपाने के लिए केंद्र का राज्यों सरकार पर दबाव होता है। एक तरफ वैज्ञानिक चिंतित है कि भारत में कोरोना के नए स्वरूप कितने घातक हो सकते है। कैसे वैक्सीन का ज्यादा प्रतिरोध कर सकते है।
देश में राज्य सरकार पर केंद्र का दबाव होने के वजह से बड़ी संख्या में मृतकों के आंकड़े की अनदेखी की जा रही है। राज्यों के विभिन्न श्मशान घाटों में लोगों ने बताया कि मृतकों की सही संख्या सरकारी आंकड़ों से बहुत ज्यादा है। देश में कुल मृतकों का आंकड़ा दो लाख के करीब हो ही नही सकता बल्कि उससे कई ज्यादा है। सरकार गलत डाटा दे रही है। लोगों का कहना है कि नेता और प्रशासक बड़ी संख्या में मृतकों की संख्या की अनदेखी कर रहे है।
श्मशान घाटों में चौबीस घंटे चिताएं जल रही है। श्मशान घाट में काम करने वालो का कहना है कि उन्होंने पहले कभी ऐसा मौतों का अंतहीन सिलसिला नही देखा है। उन्होंने बताया कि वे मृतकों के परिजनों को जो मृतक का सर्टिफिकेट देते है उसमे मृत्यु का कारण नहीं लिखते है। ऐसा करने के निर्देश उन्हे अधिकारियों ने दिए है।
सोशल मीडिया पर देखा जाए तो अनगिनत भारतीय अपने अकाउंट्स पर अस्पताल में बेड, दवाइयों और ऑक्सीजन की जरूरत के लिए स्टोरी लगा रहे है पोस्ट कर रहे है। नेशनल इमरजेंसी जैसे हेल्पलाइन नंबर लगा रहे है। अब तक सामूहिक विवाह तो सुना ही होगा, अब सामूहिक अंतिम संस्कार हो रहे है। दर्जनों चिताएं एक साथ जल रही है। श्मशान घाट के बाहर परिजन अपने परिजनों की चिताएं जलाने के लिए लाइन में खड़े हुए है अपने नंबर का इंतजार कर रहे है।