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Covid-19: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कोरोना का ‘सुपर स्प्रेडर’

Covid-19: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ नवजोत दहिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना का 'सुपर स्प्रेडर' कहा है। उन्होंने कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराया है।

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Adarsh Gram Yojna
  • April 29, 2021 1:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली/ देश में कोरोना वायरस भयावह रूप ले चुका है। इसी बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ नवजोत दहिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना का ‘सुपर स्प्रेडर’ कहा है। उन्होंने कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराया है। डॉ नवजोत दहिया ने प्रधानमंत्री को कोरोना का सुपर स्प्रेडर इसलिए कहा है क्योंकि पीएम मोदी ने चुनावी राज्यों में राजनीतिक रैलियों के आयोजन और कुंभ की अनुमति दी, जिससे देश में कोरोना की दूसरी लहर ने भयावह रूप ले लिया।

द ट्रिब्यून के अनुसार डॉ नवजोत दहिया ने एक बयान में कहा “जब चिकित्सा बिरादरी लोगों को कोविद-19 मानदंडों को अनिवार्य बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है, पीएम मोदी ने बड़ी राजनीतिक रैलियों को संबोधित करने में संकोच नहीं किया।” टाइम्स ऑफ़ इंडिया अनुसार डॉ नवजोत दहिया ने कहा कि जब जनवरी 2020 में भारत में कोरोना वायरस का पहला रोगी पाया गया था, तो प्रधानमंत्री ने संक्रमण से निपटने के लिए व्यवस्था करने के बजाय गुजरात में एक लाख से अधिक लोगों की सभाओं का आयोजन किया और तत्कालीन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का स्वागत किया। अब जब कोरोना की दूसरी लहर अभी तक अपने चरम पर नहीं है, तो संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली विफल हो रही है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे वर्ष के दौरान इसे मजबूत करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।”देश में कोरोना महामारी पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज ने भी कोरोना वायरस संकट से निपटने में पीएम मोदी और उनकी ‘असफलता’ की आलोचना की है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज के उपाध्यक्ष ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी कई कोविड मरीजों की मौतों का कारण बन गई है। ऑक्सीजन प्लांट लगाने की कई परियोजनाएं अभी भी मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास लंबित हैं, लेकिन मोदी सरकार की ओर से ऐसी कोई जरूरत नहीं बताई गई है।”

अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज ने कहा कि देश के लगभग हर शहर में श्मशान और अस्पतालों के बाहर एम्बुलेंसों की लंबी कतार में शवों के साथ महामारी का प्रभाव दिखाई दे रहा था। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर भी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिम्मेदार तरीके से काम नहीं किया और किसानों को उनके मुद्दों को हल किए बिना भारी संख्या में मौजूदगी की अनुमति दी, जिससे कोविड का गंभीर खतरा पैदा हो गया।“

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