कर्नाटक। PM Modi 6 फरवरी को कर्नाटक के तुमकुरु में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की हेलीकॉप्टर फैक्ट्री का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बता दें, […]
कर्नाटक। PM Modi 6 फरवरी को कर्नाटक के तुमकुरु में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की हेलीकॉप्टर फैक्ट्री का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
बता दें, ग्रीनफील्ड हेलीकॉप्टर फैक्ट्री 615 एकड़ भूमि में फैली हुई है, जिसे हेलीकॉप्टर की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन के उद्देश्य से बनाया गया है। यह भारत की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री होगी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यहां शुरूआत में लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर का निर्माण किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार शुरूआत में इस फैक्ट्री में हर साल करीब 30 हेलीकाप्टरों का निर्माण किया जाएगा और इसे हर साल बढ़ाकर 60 और फिर 90 हेलीकॉप्टरों तक बनाए जाने की योजना है। फैक्ट्री को शुरू करने से पहले यहां पर एलयूएच का उड़ान और अन्य सभी संबंधित परीक्षण किए जा चुके है और यह फैक्ट्री शुरु होने के लिए तैयार है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यहां पर देश में इस्तेमाल होने वाले हल्के लड़ाकू हेलिकाप्टरों और भारतीय मल्टीरोल हेलिकॉप्टरों जैसे हेलिकॉप्टरों के उत्पादन के निर्माण में तेजी लाई जाएगी। फैक्ट्री का उपयोग एलसीएच, एलयूएच, सिविल एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर और आईएमआरएच के रख रखाव, मरम्मत के लिए भी किया जाएगा। इस फैक्ट्री से सिविल एलयूएच के संभावित निर्यात को भी पूरा किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय ने अपने आगे की योजना को बताते हुए कहा कि फिलहाल एचएएल को अगले 20 साल के दौरान 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक के कुल कारोबार के साथ ही 3-15 टन की सीमा में 1000 से अधिक हेलिकाप्टरों का उत्पादन करने की योजना बनाई है। फैक्ट्री के द्वारा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार पैदा करने के अलावा ये फैक्ट्री अपने सीएसआर गतिविधियों के जरिए बड़े पैमाने पर आसपास के क्षेत्रों के विकास को भी बढ़ावा देगी। इस पर कंपनी पर्याप्त मात्रा में खर्च करेगी। यह फैक्ट्री कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से करीब 70 किलोमीटर दूर है।