नई दिल्ली। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार यानी आज आम बजट 2023-24 पेश करने वाली हैं। इस बजट से उद्योगपतियों के साथ-साथ आम लोगों को नरेंद्र मोदी सरकार से बहुत सारी उम्मीदें हैं, क्योंकि साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं और ये नरेंद्र मोदी 2.0 सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होने वाला है। बता दें, पिछले 2 सालों की तरह इस बार का बजट भी पेपरलैस ही होगा।
बजट 2023 को लेकर जनता की बढ़ती उम्मीदों के बीच देश के टॉप उद्योगपतियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अपने सुझाव भी दिए हैं। अरिहंत इंफ्रास्ट्रक्चर के सीएमडी अशोक छाजेर ने एएनआई को बताया कि सरकार को होम लोन की दरों को कम करने पर विचार करने को कहा था। उन्होंने बताया कि सरकार को होम लोन की दरों को कम करने पर ध्यान देना चाहिए।
हेल्थ सेक्टर के लोगों को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। उनकी एक उम्मीद ये भी है कि हेल्थकेयर के इन्फ्रास्ट्रक्चर के खर्च में वृद्धि भी हो सकती है। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए बजट 2021-2022 और 2022-2023 देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर केंद्रित रहा है। बजट 2022-2023 के दौरान केंद्र ने अपने बजट में नेशनल डिजिटल हेल्थ ईकोसिस्टम के लिए एक खुला मंच शुरू करने की घोषणा भी की थी।
इन सब के अलावा सीतारमण ने नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के लॉन्च पर भी प्रकाश डाला, जिसमें व्यक्तियों और परिवारों की मानसिक भलाई के लिए 23 टेलीसेंटर का नेटवर्क बनाना भी शामिल था। फोर्टिस हेल्थकेयर के CEO डॉ. आशुतोष रघुवंशी के अनुसार , भारत चिकित्सा पर्यटन के लिए विश्व स्तर पर सबसे पसंदीदा जगहों में से एक में आता है और इसलिए भारत में चिकित्सा मूल्य यात्रा को प्रोत्साहित करने एमवीटी को एक संगठित क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए नीतिगत समर्थन में वृद्धि की जरुरत है। तो वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हाल ही में बजट के लिए भारत सरकार को सुझाव प्रस्तुत किए है। IMA ने बजट के लिए कुल बारह सुझाव पेश किए हुए हैं।
बता दें कि बजट 2023-24 से इंडस्ट्री एक्सपर्ट और स्टेकहोल्डर्स को भी उम्मीदें हैं। दरअसल इन्हें भी सरकार से कई सुधारों और पहलों की उम्मीद है, जो रियल एस्टेट बाजार को बढ़ावा देने और क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने में मददगार साबित हो सकते है। रियल एस्टेट डेवलपर्स और इनवेस्टर्स टैक्स ब्रेक और अन्य वित्तीय प्रोत्साहनों की भी उम्मीद कर रहे हैं , जोकि नई परियोजनाओं के विकास की लागत को कम करने में मदद करेगा और उनके लिए अधिक लाभदायक भी बना सकते हैं। इस क्षेत्र में लोगों को अधिक निवेश के लिए भी प्रोत्साहित कर सकता है और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद भी करेगा।
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