शीशे से भी नहीं देख सका… आखिरी वक्त में मुख्तार से नहीं मिल पाने पर भावुक हुआ बेटा उमर

बांदा/मऊ/लखनऊ: पूर्वांचल का कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी नहीं रहा. गुरुवार रात कार्डियक अरेस्ट से उसकी मौत हो गई. मुख्तार बांदा जेल में बंद था, जहां देर शाम अचानक उसकी तबियत खराब हो गई. इसके बाद उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. मुख्तार की जब मौत हुई, उस वक्त उसके पास कोई भी पारिवारिक सदस्य नहीं था.

जेल प्रशासन और अस्पताल के अधिकारियों के सामने कैदियों के पोशाक पहने मुख्तार ने अपनी आखिरी सांस ली. माफिया का दूसरा बेटा उमर बीते दिनों उससे मिलने गया था, लेकिन इजाजत नहीं मिली थी. जिसके बाद वो काफी भावुक हो गया था.

बेटे उमर ने कहा- कभी खुशियां नहीं मनाई

बता दें कि इससे पहले सोमवार रात भी मुख्तार अंसारी की तबियत बिगड़ी थी. जिसके बाद जेल प्रशासन ने उसे मेडिकल कॉलेज के ICU में भर्ती कराया था. मुख्तार की तबियत खराब होने की सूचना मिलते ही उसका छोटा बेटा उमर अस्पताल पहुंचा था, लेकिन उसे उसके पिता से मिलने की इजाजत नहीं मिली थी. इसके बाद उमर ने फेसबुक पर अपना दर्द बयां किया था.

उसने लिखा था मैं 900 किलोमीटर दूर से आया लेकिन मुझे अपने पिता को शीशे से भी नहीं देखने दिया गया. ये तो जुल्म है. उमर ने कहा कि मेरे 26 साल के जीवनकाल मैं 25 साल तो उनसे दूर रहा हूं. मैंने कभी होली और दिवाली उनके साथ नहीं देखी, ईद और बकरीद के दिन कभी खुशियां नहीं मनाई, क्योंकि मेरे पिता मेरे पास नहीं थे.

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