कफ सीरप से उज्बेकिस्तान के 18 बच्चों की हुई मौत, नोएडा की दवा कंपनी का लाइसेंस किया रद्द

नई दिल्ली: यूपी के नोएडा में स्थित कफ सीरप कंपनी मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने ड्रग लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया है. दरअसल विभाग की ओर से ये कार्रवाई इसीलिए की गई है क्योंकि इस कंपनी में तैयार किया गया कफ सीरप पीने से उज्बेकिस्तान में कथित रूप से […]

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कफ सीरप से उज्बेकिस्तान के 18 बच्चों की हुई मौत, नोएडा की दवा कंपनी का लाइसेंस किया रद्द

Noreen Ahmed

  • March 22, 2023 9:19 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: यूपी के नोएडा में स्थित कफ सीरप कंपनी मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने ड्रग लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया है. दरअसल विभाग की ओर से ये कार्रवाई इसीलिए की गई है क्योंकि इस कंपनी में तैयार किया गया कफ सीरप पीने से उज्बेकिस्तान में कथित रूप से 18 बच्चों की मृत्यु हो गई थी. वहीं इस केस के सामने आने के बाद दवा कंपनी के 36 सैंपल की जांच होने के लिए चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय औषधि परीक्षण लैब भेजे गए थे. जिसमें से 22 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे, कफ सीरप दवा के कई सैंपलों में डायथिलीन ग्लाइकाल और एथिलीन ग्लाइकाल की मात्रा ज्यादा पाई गई है.

इस के चलते कफ सीरप दवा में प्रोफाइलिंग ग्लाइकोल पाया गया था, हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि इसी कफ सीरप को पीने के कारण बच्चों की मौत हुई है या नहीं. इसके चलते ऐसा कहा जा रहा कि लैब में भेजे गए दवा के 36 सैंपल में से अभी 14 सैंपलों की रिपोर्ट आना बाकी है.

कंपनी के निदेशक पर हुआ केस दर्ज

खबर के अनुसार, दवा के सैंपल फेल होने के बाद औषधि विभाग ने दवा कंपनी की निदेशक जया जैन और सचिन जैन सहित कुल 5 लोगों के खिलाफ फेज-3 थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. साथ ही ऐसा कहा जा रहा है कि ये दोनों अभी फरार हैं. वहीं पुलिस ने भी जानकारी देते हुए बताया कि दोनों आरोपियों की तलाश अभी जारी है पुलिस जल्द ही इन्हे गिरफ्तार भी कर लेगी.

बताया जा रहा कि पिछले साल दिसंबर 2022 में उज्बेकिस्तान में इस भारतीय दवा कंपनी का कफ सीरप पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद से ही उत्तर प्रदेश (UP) के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन के साथ ही भारत सरकार इस मामले की कार्रवाई कर रही थी. इस मामले की जांच के लिए दवा के कुछ सैंपल भी लिए गए थे, और फिर थाना फेस 3 में कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई थी.

 

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