नई दिल्ली. कुछ दिनों की राहत के बाद देश में एक बार फिर से कोरोना के मरीज़ बढ़ने शुरू हो गए हैं. वहीँ, कुछ परेशान करने वाले आंकड़ें सामने हैं. BHU प्रोफ़ेसर ज्ञानेश्वर चौबे की मानें तो कोरोना की शुरुआत से लेकर अब तक उन्होंने जो अध्ययन किया है उसके आधार पर वे कह सकते […]
नई दिल्ली. कुछ दिनों की राहत के बाद देश में एक बार फिर से कोरोना के मरीज़ बढ़ने शुरू हो गए हैं. वहीँ, कुछ परेशान करने वाले आंकड़ें सामने हैं. BHU प्रोफ़ेसर ज्ञानेश्वर चौबे की मानें तो कोरोना की शुरुआत से लेकर अब तक उन्होंने जो अध्ययन किया है उसके आधार पर वे कह सकते हैं कि तीसरी वेव में ओमिक्रॉन की वजह से रिइंफेक्शन रेट बढ़ चुका है. हालाँकि ये अभी 15% से ऊपर नहीं गया है. ऐसे में जिन्होंने कोरोना को मात दी है उन्हें डरने की ज़रुरत नहीं है.
2 साल तक लगातार अपना कोहराम मचाने के बाद एक बार फिर से कोरोना देश में पैर पसारता हुआ नज़र आ रहा हैं. देश में अब चौथी लहर की आहट सुनाई देने लगी है. इस बीच BHU के जीन वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने सीरो सर्वे के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है. ये एक ऐसी रिपोर्ट साबित हो रही है. जो सकारात्मक और नकारात्मक दोनों रूप में देखी जा रही है. बता दें कि इस सर्वे के परिणाम बुरे इसलिए साबित हो रहे हैं क्योंकि सीरो सर्वे में ये पता लगाया गया है कि देश में अब 30 प्रतिशत लोगों में हाइब्रिड इम्यूनिटी खत्म हो गई है और ऐसी आशंका है कि ये आगे चलकर 70 प्रतिशत तक खत्म होने वाली है, लेकिन इसी बीच अच्छी खबर यह रही कि रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि अगर देश में चौथी लहर आती है तो यह तीसरी लहर की तुलना में बेहद कम मारक या असरदार रहने वाली हैं. वहीँ, चौथी लहर को लेकर ये भी कहा गया कि ये देशव्यापी नहीं रहने वाली है.
सर्वे को लेकर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) जीन वैज्ञानिक प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि तीसरी लहर के बाद अब देश में कोरोना की चौथी लहर की आशंकाओं के बीच वाराणसी के 116 लोगों पर ये सर्वे किया गया, उनके एंटीबॉडी के लेवल के वेरिएशन का समझने की कोशिश की गई और इस सर्वे में ही पाया गया कि 30 प्रतिशत लोगों में हाइब्रिड इम्यूनिटी खत्म हो गई है. वहीँ, जल्द ही ये आंकड़ा 70 प्रतिशत तक पहुँचने वाला है. ऐसे में आने वाले दिनों में कोरोना की नई वेब यानि चौथी लहर आ सकती है.