Corona Vaccination: जानिए कोरोना की वैक्सीन लगवाने से पहले आपको क्यों करना चाहिए रक्तदान?

Corona Vaccination: वैक्सीनेशन का दौर भी शुरू हो चुका है और अब 18 वर्ष से अधिक आयु वालों को भी वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। वहीं नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल का कहना है कि वैक्सीन लगवाने वाला व्यक्ति अगले 60 दिन तक रक्तदान नहीं कर सकता है, जबकि अस्पतालों में रक्त की समस्या बढ़ती जा रही है।

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Corona Vaccination: जानिए कोरोना की वैक्सीन लगवाने से पहले आपको क्यों करना चाहिए रक्तदान?

Aanchal Pandey

  • April 30, 2021 12:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली/ देश में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है कोरोना की दुसरीं लहर भारत के लिए तबाही ले कर आई है। भारत बुरी तरह कोविड-19 की दूसरी लहर की चपेट आ चुका है। प्रतिदिन दो से तीन लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं और दिनप्रतिदिन मृतकों की संख्या दो हजार के पार जा रही है, हालत चिंताजनक ही नहीं भयावह होते जा रहे है। वहीं कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रक्त की भी कमी देखी जा रही है। नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल का कहना है कि वैक्सीन लगने के 60 दिन बाद ही आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं। उसके पहले ब्लड नहीं लिया जा सकता है।

बता दें कि व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगाई जाती है, ऐसे में करीब 60 दिन तक वैक्सीन लगाने वाला व्यक्ति ब्लड डोनेट नहीं कर सकता। ऐसे में यदि आप रक्तदान करना चाहते हैं तो वैक्सीन लगवाने के पहले ही कर दें ताकि जरूरत के वक्त आपका रक्त किसी को जीवनदान दे सके। वहीं ब्लड बैंकों और चिकित्सकों ने टीकाकरण करवाने से पहले ब्लड डोनेट करने वाले लोगों से रक्त दान करने का आग्रह किया है।

कहते हैं रक्तदान महादान है। एक यूनिट रक्त से आप तीन लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं। लेकिन कोरोना काल में रक्तदान में भी कमी देखने को मिल रही है। वहीं वैक्सीनेशन का दौर भी शुरू हो चुका है और अब 18 वर्ष से अधिक आयु वालों को भी वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। वहीं नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल का कहना है कि वैक्सीन लगवाने वाला व्यक्ति अगले 60 दिन तक रक्तदान नहीं कर सकता है, जबकि अस्पतालों में रक्त की समस्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में वैक्सीन लगवाने से पहले रक्तदान जरूर करें, शायद आपका रक्त किसी को नया जीवन दे दे। आपको विभिन्न राज्यों के ब्लड बैंक की स्थिति बताते है।

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश

कोविड मामलों की बढ़त के बीच तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों ही राज्यों में ब्लड बैंक रक्त की कमी की समस्या का सामना कर रहे हैं। कोविड के डर से दोनों राज्यों में ब्लड बैंक सुख गए हैं। कोरोना की दूसरी लहर के कारण रक्त दानकर्ता और स्वैच्छिक रक्त दान करने वाले व्यक्ति रक्त दान नहीं कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, तेलंगाना में लगभग 300 ब्लड बैंक हैं, जो प्रति वर्ष रक्त दाताओं और स्वैच्छिक संस्थाओं से लगभग 3.5 लाख यूनिट रक्त एकत्र करते है। आपात स्थितियों के लिए इकाइयों को स्टॉक करने के लिए ब्लड बैंकों में एक सप्ताह की खिड़की होती है। अब तक तेलंगाना के पास पूरे राज्य में 15% से कम रक्त आपूर्ति है।

इसके अलावा आंध्र प्रदेश में भी यही स्थिति बनी हुई है। राज्य में लगभग 200 ब्लड बैंक हैं। जो प्रतिवर्ष लगभग 2.5 लाख इकाइयाँ रक्त एकत्र करता है। कोविड की चल रही दूसरी लहर के कारण रक्त दान करने में बाधा बन रही है। रक्त दान करने के लिए रक्त दान करने वाले व्यक्ति आगे नहीं आ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में रक्त की कमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार, कोरोना के प्रकोप के बीच आंध्र प्रदेश में रक्त की आपूर्ति में 10% की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

गुजरात

कोरोना महामारी के कारण रक्त दाताओं की संख्या में भारी गिरावट आई है, जिसके कारण अहमदाबाद शहर में रक्त की कमी हो गई है। जो बच्चे थैलेसीमिया से पीड़ित हैं, वे गंभीर रूप से एनीमिक हैं और जो कुछ दुर्घटनाओं के साथ मिले हैं, उनके लिए मुश्किल हालात हैं। इसीलिए स्वस्थ लोगों से रक्तदान करने के लिए अनुरोध किया गया है। जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, वे 60 दिनों तक रक्तदान नहीं कर सकते हैं। इसलिए, स्वस्थ व्यक्तियों से अनुरोध है कि इससे पहले कि उन्हें कोरोना वैक्सिनेशन का टीका मिले, उससे पहले रक्त दान करने के लिए आगे आए। इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़े विश्वास अमीन ने कहा कि इस साल, फरवरी और मार्च के बीच रक्तदान में गिरावट आई, जिसने विशेष रूप से उन बच्चों के लिए आपातकालीन मामलों की समस्याओं को बढ़ा दिया है जो थैलेसीमिया से पीड़ित हैं। अब वे लोग जिन्हें कोविद वैक्सिनेशन मिलेंगी, वे अगले 60 दिनों तक रक्तदान नहीं कर पाएंगे। ऐसे मामले में स्वस्थ व्यक्तियों से रक्त दान करने के लिए आगे आने का अनुरोध किया गया है ताकि यह अन्य लोगों के जीवन को बचा सके। यदि ऐसा नहीं होता है और ब्लड बैंक में रक्त की स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो इससे आगे की समस्याएं हो सकती हैं।

महाराष्ट्र

कोरोना टीकाकरण अभियान का महत्वपूर्ण चरण 1 मई से शुरू होगा और 18 वर्ष से कम आयु के सभी लोग टीकाकरण करवा सकेंगे। आपदा प्रबंधन, राहत, और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कोरोना वैक्सीन लेने से पहले जनता से रक्त दान करने की अपील की है, क्योंकि टीकाकरण के 50 से 60 दिन बाद तक आप रक्त दान नहीं कर सकते हैं। पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि कोविद और गैर-कोविद दोनों रोगियों का इलाज अब अस्पतालों में किया जा रहा है। इसलिए अधिक से अधिक रक्तदाताओं की जरूरत है। इसके अलावा, कोरोना वैक्सीन के बाद 50 से 60 दिनों तक रक्त दान नहीं किया जा सकता है। पहले रक्त दान करना और फिर कोरोना वैक्सीन लगवाना। कोरोना पिछले साल से रक्त दान में एक महत्वपूर्ण गिरावट का कारण बना है। रक्त की कमी के कारण सामाजिक जागरूकता के साथ रक्त दान करें। इसलिए रक्त की मांग करने वाले रोगियों के जीवन को बचाया जा सकता है।

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