Advertisement

Covid-19: कोरोना ख़त्म होने के बाद बायोमार्कर को मिले दिमागी नुकसान के लक्षण

नई दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण तेज़ी से फेल रहा है. कोविड संक्रमण से होने वाली दिमागी नुकसान इतनी खतरनाक हो रहा है कि मरीज के ठीक होने के बाद भी कई महीनों तक लक्षण दूर नहीं होते हैं. बता दें कि ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने अस्पताल के मरीजों पर किए गए अध्ययन के आधार […]

Advertisement
Covid-19: कोरोना ख़त्म होने के बाद बायोमार्कर को मिले दिमागी नुकसान के लक्षण
  • December 24, 2023 8:58 am Asia/KolkataIST, Updated 12 months ago

नई दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण तेज़ी से फेल रहा है. कोविड संक्रमण से होने वाली दिमागी नुकसान इतनी खतरनाक हो रहा है कि मरीज के ठीक होने के बाद भी कई महीनों तक लक्षण दूर नहीं होते हैं. बता दें कि ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने अस्पताल के मरीजों पर किए गए अध्ययन के आधार पर ये दावा किया है. उन्होंने कहा कि मस्तिष्क की इस क्षति का पता खून की जांच से भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता क्योंकि खून की जांच के परिणाम सामान्य आते है.

बायोमार्कर को मिले दिमागी नुकसान के लक्षण

Coronavirus: If you want to avoid corona virus then take these precautions  while bringing goods from the market - Coronavirus: कोरोना वायरस से बचना है  तो बाजार से सामान लाते समय बरतें

नेचर कम्युनिकेशन में छपे लिवरपूल विवि के शोधकर्ताओं के अध्ययन करने से पता चला है कि वायरल संक्रमण के तीव्र चरण के दौरान जब लक्षण तेजी से बढ़ रहे होते है, तो सूजन संबंधी प्रोटीन के कारण से दिमागी क्षति का निशान बनता हैं. बता दें कि इंग्लैंड और वेल्स के अस्पतालों के 800 मरीजों में देखा गया कि छुट्टी मिलने के कुछ महीनों बाद भी मरीजों के दिमागी नुकसान से जुड़े बायोमार्कर मौजूद थे, और दिमागी बायोमार्कर साक्ष्य बीमारी में न्यूरोलॉजिकल डिसफंक्शन का अनुभव करने वालों में काफी ध्यान से देखे गए है. हालांकि शोधकर्ता बेनेडिक्ट माइकल ने कहा कि संक्रमण से पहले सिरदर्द, माइलिया जैसे छोटे लक्षण वालों में भी बहुत जटिलताएं देखी गईं है.

जांच में बायोमार्कर की जानकारी सामने नहीं आती

शोधकर्ताओं के अनुसार ये बायोमार्कर कोविड और तीव्र मस्तिष्क शिथिलता पैदा करने वाले अन्य कई संक्रमणों के लिए चिकित्सा जांच के नए लक्ष्य को तय करते हैं. ये शोध कोविड मरीजों की संक्रमण के बाद देखभाल के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. हालांकि जीन की पहचान हो सके और खून की जांच के परिणाम सामान्य आने के बाद माना जाता है कि मरीज पूरी तरह ठीक हो गया है और जबकि अध्ययन से पता चलता है कि खून की जांच में इन बायोमार्कर की जानकारी सामने नहीं आती है, और मरीज इन लक्षणों से जूझ रहा होता है.

Bhagavad Geeta: आज कोलकाता में एक लाख लोग करेंगे गीता पाठ, PM मोदी के शामिल होने का कार्यक्रम रद्द

Advertisement