Corona Delta Plus Variant: देश कोरोना के नए वैरिएंट के दस्तक ने चिंता बढ़ा दी है। महाराष्ट्र, मप्र, केरल में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के कुल 40 केस मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' यानी कोरोना चिंताजनक वेरिएंट घोषित किया है। इसके साथ ही उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया जहां डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस मिले हैं। बता दें दुनिया के करीब 80 देशों में डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस मिल चुके हैं।
Corona Delta Plus Variant: देश कोरोना के नए वैरिएंट के दस्तक ने चिंता बढ़ा दी है। महाराष्ट्र, मप्र, केरल में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के कुल 40 केस मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ यानी कोरोना चिंताजनक वेरिएंट घोषित किया है। इसके साथ ही उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया जहां डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस मिले हैं। बता दें दुनिया के करीब 80 देशों में डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस मिल चुके हैं।
महाराष्ट्र में अब तक 21 मामले
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को बताया कि राज्य में डेल्टा प्लस के अभी तक 21 मामले सामने आ चुके हैं. उन्होंने बताया कि सबसे अधिक नौ मामले रत्नागिरी, जलगांव में सात मामले, मुंबई में दो और पालघर, ठाणे तथा सिंधुदुर्ग जिले में एक-एक मामला सामने आया है।
वहीं इस डेल्टा प्लस वेरिएंट के लिए भारत सरकार ने महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को सतर्क रहने को कहा है, क्योंकि इन राज्यों के कुछ जिलों में इनके मरीज मिले हैं। राज्यों के मुख्य सचिवों को सलाह दी गई है कि वे जिलों और समूहों में तत्काल रोकथाम के उपाय करें।
इस वैरिएंट का नाम डेल्टा प्लस (AY.01) दिया गया है. अब इस वैरिएंट को लेकर रिपोर्ट आई है कि यह वैरिएंट वैक्सीन और एंटीबॉडी को बेअसर कर देगा। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक देश के जानेमाने वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर शाहिद जमील ने कहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट वैक्सीन लेने से शरीर में बनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेअसर कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर आप कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं और आपमें एंटीबॉडी बना है, वो भी इस नए वैरिएंट के खिलाफ कारगर नहीं रह सकता।
जल्द साझा की जाएगी जानकारी
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा मोटे तौर पर, दोनों भारतीय टीके – कोविशील्ड और कोवैक्सीन – डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं, लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में एंटीबॉडी बना पाते हैं, इसकी जानकारी बहुत जल्द साझा की जाएगी।
मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर, जिसने भारत में तबाही मचाई, उसके आने के पीछे डेल्टा वैरिएंट प्रमुख रूप से शामिल था। अब खतरा डेल्टा वैरिएंट के विकसित रूप यानी डेल्ट प्लस वैरिएंट से है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर के पीछे यह वैरिएंट प्रमुख रूप से शामिल हो सकता है, इसकी प्रमुख वजह एक्सपर्ट्स द्वारा हाल में जताई गई चिंता है।