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ब्रेस्ट कैंसर के पोस्टर पर खड़ा हुआ विवाद, युवराज सिंह को जागरूकता फैलाना पड़ा भारी

नई दिल्ली: ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह की यूवीकैन फाउंडेशन द्वारा चलाए गए अभियान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बता दें फाउंडेशन ने एक क्रिएटिव पोस्टर जारी किया था जिसमें महिलाओं को अपने स्तनों की जांच के लिए जागरूक करने के लिए उनके स्तनों […]

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YouWeCan Foundation Breast Cancer Poster, Yuraj Singh
  • October 23, 2024 10:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह की यूवीकैन फाउंडेशन द्वारा चलाए गए अभियान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बता दें फाउंडेशन ने एक क्रिएटिव पोस्टर जारी किया था जिसमें महिलाओं को अपने स्तनों की जांच के लिए जागरूक करने के लिए उनके स्तनों को संतरे के रूप में प्रस्तुत किया गया। वहीं इस पोस्टर में लिखा गया था कि हर महीने एक बार अपने संतरे’ चेक करें, ताकि समय रहते ब्रेस्ट कैंसर की पहचान हो सके और इसका इलाज किया जा सके।

पोस्टर पर फूटा लोगों का गुस्सा

इसके बाद अब इस पोस्टर की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना की जा रही है। इस दौरान कई यूजर्स ने इसे महिलाओं के प्रति असंवेदनशील और अनुचित बताया है। बता दें पोस्टर में एक महिला को दिल्ली मेट्रो के अंदर खड़े हुए दिखाया गया है, जिसके हाथ में दो संतरे हैं, जबकि कई बुजुर्ग महिलाएं बैठी हुई हैं और उनमें से एक के पास संतरे का डिब्बा रखा है। इसके बाद लोगों का इस पोस्टर को लेकर गुस्सा फूट पड़ा है, जिसके बाद युवराज सिंह की भी आलोचना की जा रही है.

युवराज सिंह के फाउंडेशन की आलोचना

एक सोशल मीडिया यूजर ने दिल्ली मेट्रो में लगे इस पोस्टर की तस्वीर शेयर करते हुए युवराज सिंह के फाउंडेशन और दिल्ली मेट्रो दोनों की कड़ी आलोचना की है। यूजर ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह के पोस्टर आखिर कैसे सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित किए जा सकते हैं और इनकी मंजूरी कैसे मिलती है? उन्होंने पोस्टर में इस्तेमाल किए गए शब्दों को अनुचित बताया और इसे जल्द से जल्द हटाने की मांग की।

यूजर: इस तरह के पोस्टरों कौन बनाता है

यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा, अगर हम स्तन को उसके वास्तविक नाम से भी नहीं पुकार सकते, तो देश में ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता कैसे बढ़ाई जा सकती है. दिल्ली मेट्रो में यह पोस्टर देखकर मुझे यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि आखिर यह क्या है. अपने ‘संतरे’ चेक करो? कौन इस तरह के पोस्टरों कौन बनाता है और कौन इन्हें मंजूरी देता है? वहीं अब इस विवाद के बाद, युवराज सिंह और उनकी फाउंडेशन से इस मुद्दे पर सफाई देने की मांग की जा रही है। पोस्टर को लेकर मेट्रो यात्रियों और सोशल मीडिया यूजर्स में नाराजगी बढ़ती जा रही है, जिसके चलते दिल्ली मेट्रो अधिकारियों से भी इस पोस्टर को तुरंत हटाने की अपील की गई है।

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