नई दिल्ली: ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह की यूवीकैन फाउंडेशन द्वारा चलाए गए अभियान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बता दें फाउंडेशन ने एक क्रिएटिव पोस्टर जारी किया था जिसमें महिलाओं को अपने स्तनों की जांच के लिए जागरूक करने के लिए उनके स्तनों […]
नई दिल्ली: ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह की यूवीकैन फाउंडेशन द्वारा चलाए गए अभियान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बता दें फाउंडेशन ने एक क्रिएटिव पोस्टर जारी किया था जिसमें महिलाओं को अपने स्तनों की जांच के लिए जागरूक करने के लिए उनके स्तनों को संतरे के रूप में प्रस्तुत किया गया। वहीं इस पोस्टर में लिखा गया था कि हर महीने एक बार अपने संतरे’ चेक करें, ताकि समय रहते ब्रेस्ट कैंसर की पहचान हो सके और इसका इलाज किया जा सके।
इसके बाद अब इस पोस्टर की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना की जा रही है। इस दौरान कई यूजर्स ने इसे महिलाओं के प्रति असंवेदनशील और अनुचित बताया है। बता दें पोस्टर में एक महिला को दिल्ली मेट्रो के अंदर खड़े हुए दिखाया गया है, जिसके हाथ में दो संतरे हैं, जबकि कई बुजुर्ग महिलाएं बैठी हुई हैं और उनमें से एक के पास संतरे का डिब्बा रखा है। इसके बाद लोगों का इस पोस्टर को लेकर गुस्सा फूट पड़ा है, जिसके बाद युवराज सिंह की भी आलोचना की जा रही है.
How will a country raise Breast Cancer Awareness is we can’t even call breasts what they are. Saw this at Delhi Metro and like what the hell? Check your oranges? Who makes these campaigns, who approves them? Are we governed by such dumb people that they let this poster become… pic.twitter.com/YAZ5WYSxXf
— Confusedicius (@Erroristotle) October 22, 2024
एक सोशल मीडिया यूजर ने दिल्ली मेट्रो में लगे इस पोस्टर की तस्वीर शेयर करते हुए युवराज सिंह के फाउंडेशन और दिल्ली मेट्रो दोनों की कड़ी आलोचना की है। यूजर ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह के पोस्टर आखिर कैसे सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित किए जा सकते हैं और इनकी मंजूरी कैसे मिलती है? उन्होंने पोस्टर में इस्तेमाल किए गए शब्दों को अनुचित बताया और इसे जल्द से जल्द हटाने की मांग की।
यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा, अगर हम स्तन को उसके वास्तविक नाम से भी नहीं पुकार सकते, तो देश में ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता कैसे बढ़ाई जा सकती है. दिल्ली मेट्रो में यह पोस्टर देखकर मुझे यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि आखिर यह क्या है. अपने ‘संतरे’ चेक करो? कौन इस तरह के पोस्टरों कौन बनाता है और कौन इन्हें मंजूरी देता है? वहीं अब इस विवाद के बाद, युवराज सिंह और उनकी फाउंडेशन से इस मुद्दे पर सफाई देने की मांग की जा रही है। पोस्टर को लेकर मेट्रो यात्रियों और सोशल मीडिया यूजर्स में नाराजगी बढ़ती जा रही है, जिसके चलते दिल्ली मेट्रो अधिकारियों से भी इस पोस्टर को तुरंत हटाने की अपील की गई है।
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