नई दिल्ली। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से ही अडानी ग्रुप मुश्किलों में घिरा हुआ है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल खुलकर इस मामले पर केंद्र सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। इस बीच अब कांग्रेस पार्टी ने इसे लेकर देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि पार्टी अडानी ग्रुप विवाद को जनता के बीच ले जाने के लिए देशव्यापी आंदोलन शुरू करने जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार आम लोगों के पैसे का इस्तेमाल अपने करीबी मित्रों की मदद के लिए कर रही है, कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है।
केसी वेणुगोपाल ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को सभी जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही राज्य के वरिष्ठ नेता मीडिया को भी संबोधित करेंगे। साथ ही सभी प्रदेश कमेटियां अलग-अलग स्तर पर विरोध-प्रदर्शन की गतिविधियों का आयोजन करेंगी। तय योजना के मुताबिक कांग्रेस पार्टी पूरे देश में 6 से 10 मार्च तक सार्वजनिक बैंकों और LIC के कार्यालयों के सामने ब्लॉक-स्तरीय विरोध-प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। मार्च के महीने में ही सभी राज्यों के जिला मुख्यालयों पर पर्दाफाश रैलियां आयोजित की जाएंगी। 13 मार्च को प्रदेश मुख्यालय पर ‘चलो राजभवन’ नाम का एक विशाल मार्च का आयोजन किया जाएगा।
कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा कि अप्रैल महीने में सभी प्रदेशों की राजधानियों में विशाल रैलियों का आयोजन किया जाएगा। इन रैलियों को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और अन्य राष्ट्रीय स्तर के नेता संबोधित करेंगे। पार्टी ने इन सभी आंदोलनों में राज्य स्तर के सभी वरिष्ठ नेताओं, सांसदों, विधायकों और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों, फ्रंट लाइन संगठनों के नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं हिस्सा लेने के लिए कहा गया है।
बता दें कि, इससे पहले संसद में संबोधन के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने पीएम मोदी से सीधा सवाल पूछते हुए कहा कि उनके साथ कितनी बार गौतम अडानी विदेश दौरे पर गए, पिछले 20 साल में बीजेपी को अडानी ने कितना चंदा दिया है? कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि कभी प्रधानमंत्री मोदी, अडानी के प्लेन में उड़ा करते थे, अब अडानी, पीएम मोदी के प्लेन में उड़ान भर रहे हैं। राहुल गांधी ने सदन में कहा कि कुछ साल पहले मोदी सरकार ने एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए ठेका दिया, लेकिन उस दौरान नियम था कि कोई भी फर्म जिसके पास इस तरह के काम करने का कोई अनुभव नहीं है, वो इस ठेके के लिए एप्लाई नहीं कर सकता है।
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