सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता बरकरार रखते हुए कुछ प्रावधानों को हटा दिया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली बेंच ने स्कूलों में एडमिशन, बैंक खाते खोलने बैंक खाते खोलने और मोबाइल कनेक्शन के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर दी है.
नई दिल्ली. आधार कार्ड की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एेतिहासिक फैसला सुनाया. कोर्ट ने आधार की संवैधानिक वैधता बरकरार रखते हुए कुछ प्रावधानों को हटा दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा. राहुल ने ट्वीट कर लिखा, ”कांग्रेस के लिए आधार सशक्तिकरण का जरिया था और बीजेपी के लिए यह उत्पीड़न और निगरानी का. कांग्रेस के विजन को सपोर्ट और उसे सुरक्षित रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया”.
कांग्रेस ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी पर जमकर हमला बोला और सुप्रीम कोर्ट द्वारा आधार अधिनियम की ‘कठोर’ धारा 57 को निरस्त करने के फैसले का स्वागत किया. यह धारा किसी भी निजी कंपनी को पहचान के उद्देश्य के लिए नागरिकों से आधार नंबर की मांग करने की इजाजत देती थी. कांग्रेस ने कहा कि अब अगला कदम आधार अधिनियम के तहत सरकार द्वारा इकठ्ठा किए नागरिकों के डेटा को नष्ट करने का है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि फैसले ने व्यक्ति के निजता के अधिकार को बरकरार रखा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मोदी सरकार की कठोर धारा 57 रद्द..बैंक खाते, मोबाइल, स्कूल, विमान, ट्रेवल एजेंट, निजी कंपनियों द्वारा आधार डेटा की जरूरत समाप्त. अब वक्त आ गया है अगले कदम का..नागरिकों के जुटाए गए डेटा को नष्ट किया जाए.”
For Congress, Aadhaar was an instrument of empowerment.
For the BJP, Aadhaar is a tool of oppression and surveillance.
Thank you Supreme Court for supporting the Congress vision and protecting 🇮🇳. #AadhaarVerdict
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 26, 2018
PM मोदी ने सार्वजनिक आंकड़ों का दुरुपयोग किया और #Aadhar के जरिये निगरानी वाला माहौल बनाया। अब उन्हें हमारी निजता के उल्लंघन का जवाब देना होगा। #ModiGiveBackMyData pic.twitter.com/7dM5JeFKEC
— Congress (@INCIndia) September 26, 2018
गौरतलब है कि आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बैंक खाते खोलने, स्कूलों में दाखिले और मोबाइल कनेक्शन के लिए आधार की जरूरत नहीं होगी. कोर्ट ने कहा, “विशिष्टता, आधार और पहचान के अन्य सबूत के बीच का एक मौलिक अंतर है. आधार की नकल नहीं की जा सकती और यह एक विशिष्ट पहचान है”.
उन्होंने कहा, “हम आधार योजना के तहत जुटाए गए डेटा को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों पर नजर बनाएं हैं.” कोर्ट ने कहा, “आधार के माध्यम से सत्यापन में विफल रहने पर किसी भी व्यक्ति को सामाजिक कल्याण योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता.” हम सरकार को निर्देश देते हैं कि वह सुनिश्चित करे कि किसी अवैध प्रवासी को आधार जारी न हो.” हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि आज तक हमने आधार अधिनियम में ऐसा कुछ नहीं पाया है जिससे किसी व्यक्ति की निजता के अधिकार का उल्लंघन हुआ हो.
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