अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में केंद्र में शासित नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार को हराने के लिए कांग्रेस ने मायावती की बसपा और अखिलेश यादव की सपा के साथ मिलकर कोशिशें तेज कर दी हैं. सूत्रों की मानें तो यूपी में सीट बंटवारे को लेकर भी पार्टियों में सहमति बन गई है. वहीं पीएम का उम्मीदवार कौन होगा इस पर फैसला चुनाव के रिजल्ट आने के बाद ही होगा.
नई दिल्लीः अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में सत्ता पाने के लिए कांग्रेस ने कोशिशें तेज कर दी हैं. पार्टी के सूत्रों के अनुसार 2019 में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस को मात देने के लिए विपक्षी दलों के बीच व्यापक सहमति बन गई है. साथ ही कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करेंगे चुनाव के रिजल्ट आने के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा. कांग्रेस का कहना है विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने का लक्ष्य मोदी को हराना है वहीं पार्टी का कहना है कि कई गठबंधन पर तस्वीर साफ है.
राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस का मानना है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में बीजेपी को पटखनी देने के लिए विपक्षी पार्टियों का गठबंधन बेहद जरूरी है. ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर इन तीन राज्यों में बीजेपी को मात मिलती है तो नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाया जा सकता है. नरेंद्र मोदी को हराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही कांग्रेस का मानना है कि राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ के साथ दूसरे राज्यों में आने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी को बड़ा लाभ मिलने वाला है.
यह लाभ कांग्रेस को विपक्षी पार्टियों से गठबंधन का नेतृत्व करने में मदद करेगा. सूत्रों की मानें तो सपा, बसपा और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर भी सहमति बन चुकी है. वहीं पीेएम उम्मीदवार को कांग्रेस ने साफ किया प्रधानमंत्री पर फैसला 2019 लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद ही लिया जाएगा. साथ ही कांग्रेस ने दावा किया है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराकर सत्ता पर कब्जा करेगी. वहीं यहां मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों पर भी कांग्रेस का कहना है कि पार्टी इसके लिए उपयुक्त व्यक्ति का चयन करेगी.