महिला आरक्षण बिल पर सरकार को घेरने की तैयारी में कांग्रेस, 21 महिला नेता आज खोंलेंगी मोर्चा

नई दिल्ली। बीते सप्ताह संसद के विशेष सत्र में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण बिल को पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा से पास कर दिया गया था। भले ही तमाम विपक्षी पार्टियों ने इस बिल पर अपनी सहमति दे दी हो लेकिन विधेयक के कुछ प्रावधानों पर अब भी सवाल उठ रहे हैं। […]

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महिला आरक्षण बिल पर सरकार को घेरने की तैयारी में कांग्रेस, 21 महिला नेता आज खोंलेंगी मोर्चा

Arpit Shukla

  • September 25, 2023 7:07 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली। बीते सप्ताह संसद के विशेष सत्र में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण बिल को पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा से पास कर दिया गया था। भले ही तमाम विपक्षी पार्टियों ने इस बिल पर अपनी सहमति दे दी हो लेकिन विधेयक के कुछ प्रावधानों पर अब भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस लगातार दावा कर रही है कि यूपीए सरकार ने इस बिल की शुरुआत की थी। अब इसी क्रम में कांग्रेस आज यानी सोमवार को देश के 21 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रही है। इसमें कांग्रेस की 21 महिला नेता महिला आरक्षण बिल के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगी।

21 शहरों में होगी प्रेस कांफ्रेंस

कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 21 महिला नेताओं द्वारा 21 शहरों में प्रेस कान्फ्रेंस की जाएगी। उन्होंने इस बारे में एक्स पर एक पोस्ट भी की। उन्होंने लिखा कि इस प्रेस कांफ्रेंस का एजेंडा- महिला आरक्षण बिल के नाम पर मोदी सरकार के विश्वासघात को उजागर करना है।

इन शहरों से होगी प्रेस कांफ्रेंस

जानकारी के अनुसार, जहां सांसद रजनी पाटिल अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी, वहीं महिला कांग्रेस प्रमुख नेट्टा डिसूजा हैदराबाद में और अलका लांबा जयपुर में, रंजीत रंजन भुवनेश्वर में, अमी याग्निक मुंबई में, शमा मोहम्मद श्रीनगर में और रागिनी नायक रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी।

क्या है महिला आरक्षण बिल?

इस बिल से लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण दिया जाएगा। इसका मतलब कि लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। हालांकि, जनगणना और परमीसन के बाद ही महिला आरक्षण बिल शायद 2029 के लोकसभा चुनाव तक लागू हो सकेगा। बता दें कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम को अब अधिकांश प्रदेश की विधानसभाओं की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

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