नई दिल्ली। एनसीआरटी सिलेबस विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीआरटी ने 12वीं कक्षा के सिलेबस से मुगल इतिहास के कुछ चैप्टरों को हटा दिया गया है। अब इसको लेकर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा […]
नई दिल्ली। एनसीआरटी सिलेबस विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीआरटी ने 12वीं कक्षा के सिलेबस से मुगल इतिहास के कुछ चैप्टरों को हटा दिया गया है। अब इसको लेकर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इतिहास बदलने की कोशिश की जा रही है।
बता दें कि एनसीआरटी ने 12वीं बोर्ड के सिलेबस से इतिहास विषय से मुगल के कुछ चैप्टर को हटा दिया है। अब इस मामले में कई इतिहासकारों और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इतिहास से छेड़छाड़ की जा रही है। अब इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बयान दिया है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि भारत के इतिहास को बदलने की कोशिश की जा रही है।
इस बीच NCERT प्रमुख दिनेश प्रसाद सोलंकी ने इसको लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि इतिहास से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा रही है। सिलेबस से मुगलों को नहीं हटाया गया है। कोरोना महामारी के बाद बच्चों पर बोझ कम करने के लिए दोहराव वाली और गैर जरूरी चीजों को हटा दिया गया है। NCERT प्रमुख दिनेश प्रसाद सोलंकी ने कहा कि 12वीं कक्षा में अभी भी मुगलों की पढ़ाई जारी रहेगी। बस थोड़ा वर्कलोड को कम किया गया है। सिलेबस में जिन चीजों का दोहराव हो रहा था, उन्हें साइड किया गया है। इतिहास से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा रही है। अब बस हम दो चैप्टर की जगह एक चैप्टर पढ़ा रहे हैं।
इसके अलावा एनसीआरटी ने हिंदी सब्जेक्ट के सिलेबस में भी कुछ बदलाव किए हैं। इनमें हिंदी आरोह भाग-2 की किताब से फिराक गोरखपुरी की गजल और अंतरा भाग दो से सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की गीत गाने दो मुझे को भी हटा दिया गया है। इसके अलावा विष्णु खरे की एक काम और सत्य को भी हटाया गया है। सिलेबस में बदलाव किए जाने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि NCERT की किताबों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुसार अपडेट किया जा रहा है। सिलेबस में अप्रासंगिक हो चुके विषयों को हटाकर नई सामग्री जोड़ी जा रही है। जिसे नए पाठ्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2023-24 से ही लागू किया जा रहा है।