Congress New Power Center: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान से बीजेपी का सूपड़ा साफ कर राहुल गांधी ने खुद को विपक्ष का काबिल नेता साबित कर दिया है. पार्टी और तीनों राज्यों में किसे सीएम नियुक्त करना है, एेसे सारे फैसले उनके 12 तुगलक रोड स्थित आवास पर ही हो रहे हैं. खुद सोनिया गांधी भी सारी बैठकों में शामिल होने के लिए राहुल के आवास ही आती हैं. एेसे में 12 तुगलक रोड को कांग्रेस का नया पावर सेंटर कहना गलत नहीं होगा.
नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अब विपक्ष के नेता नंबर 1 बन गए हैं. छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों में उसे पटखनी देकर राहुल ने खुद की छवि और मजबूत कर ली है. 2019 लोकसभा चुनावों से पहले राहुल गांधी पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी चीफ अमित शाह के लिए चुनौती बनकर सामने आए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के बाद राहुल गांधी की इमेज एक आक्रामक नेता की बन गई है, जो राफेल सौदे पर बीजेपी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घेरता भी है, पीएम नरेंद्र मोदी के लिए चौकीदार ही चोर है भी कहता है और किसानों के हक के लिए किसी भी हद तक जाने की बात करता है.
छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में जीत हासिल करने के बाद जब राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो मीडिया से बेहद शांत तरीके से मुखातिब हुए. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी को हमने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हराया है और 2019 में भी हराएंगे. वह किसी भी विचारधारा (बीजेपी) को भारत मुक्त नहीं करना चाहते.
सीएम चुनने से लेकर पार्टी के तमाम बड़े फैसले लेने में राहुल कार्यकर्ताओं की भी राय ले रहे हैं. यह बात कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि कांग्रेस का नया पावर सेंटर अब सोनिया गांधी का 10 जनपथ रोड नहीं बल्कि राहुल गांधी का 12 तुगलक लेन स्थित आवास बन चुका है. तीनों राज्यों के सीएम चुनने से लेकर अन्य फैसले यहीं से लिए जा रहे हैं. खुद सोनिया गांधी भी राहुल के आवास पर ही अहम फैसलों में शामिल हो रही हैं. अब तक कांग्रेस के सभी अहम फैसले सोनिया गांधी के आवास पर ही होते थे. संसद से लेकर चुनावों की रणनीतियां वहीं तय हुआ करती थीं.
उम्मीद लगाई जा रही है कि 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति भी अब नए पावर सेंटर 12 तुगलक लेन पर ही बनाई जाएगी. राहुल ने अपने आवास पर ही तीनों राज्यों के सीएम पद के दावेदारों से मुलाकात की और आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मुस्कुराट के साथ फोटो भी पोस्ट की. यह पार्टी पर उनकी पकड़ और प्रदेश नेताओं से उनके रिश्ते भी दर्शाता है. तीनों राज्यों में मिली जीत से यकीनन कार्यकर्ताओं का भरोसा भी राहुल गांधी पर बढ़ा है.