नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद से कांग्रेस पार्टी में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस के नेता आजाद पर अवसरवादी होने का आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने शनिवार को कहा कि वह गुलाम नबी के पांच पन्नों […]
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद से कांग्रेस पार्टी में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस के नेता आजाद पर अवसरवादी होने का आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने शनिवार को कहा कि वह गुलाम नबी के पांच पन्नों के पत्र के गुण और दोष पर टिप्पणी नहीं करना चाहते है। जिसमें उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि वह समझाने की सबसे अच्छी स्थिति में होंगे। कांग्रेस नेताओं के चपरासी जब पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं तो यह हंसी का पात्र होता है..।
बता दें कि कांग्रेस सासंद मनीष तिवारी ने कहा कि अजीब बात यह है कि जो लोग वार्ड चुनाव लड़ने में कुशल नहीं है, वे कांग्रेस नेताओं के चपरासी थे, जब पार्टी के बारे में ज्ञान दिया जाता है तो यह हास्यास्पद होता है। हम एक गंभीर स्थिति में हैं। जो हुआ वह खेदजनक, दुर्भाग्यपूर्ण है।
वहीं, मनीष तिवारी ने आगे कहा कि हमें किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने इस पार्टी को 42 साल दिए हैं। मैं यह पहले भी कह चुका हूं, हम कांग्रेस के किरायेदार नहीं हैं, हम सदस्य हैं। अब अगर आप हमें बाहर निकालने की कोशिश करेंगे तो वो अलग बात है।
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि दो साल पहले हम 23 लोगों ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बताया था कि कांग्रेस की परिस्थिति ठीक नहीं है। जिसपर विचार करने की ज़रूरत है। कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है। अगर किसी को कुछ मिला वह खैरात में नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज़्बाती, खुददार लोग होते हैं। पिछले 1000 साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ने की रही है। किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।
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