कांग्रेस जनवरी 2024 में शुरू कर सकती है भारत जोड़ो यात्रा 2.0, जानें क्या है रणनीति?

नई दिल्ली। आगामी लोेकसभा चुनाव में अब बहुत कम वक्त बचा है। सभी पार्टियां चुनावी रंग में नजर आ रही हैं। इसी बीच मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले जनवरी 2024 के पहले सप्ताह के बाद किसी भी समय भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण शुरू […]

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कांग्रेस जनवरी 2024 में शुरू कर सकती है भारत जोड़ो यात्रा 2.0, जानें क्या है रणनीति?

Arpit Shukla

  • December 21, 2023 2:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली। आगामी लोेकसभा चुनाव में अब बहुत कम वक्त बचा है। सभी पार्टियां चुनावी रंग में नजर आ रही हैं। इसी बीच मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले जनवरी 2024 के पहले सप्ताह के बाद किसी भी समय भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण शुरू करने पर विचार कर रही है। बता दें कि राहुल गांधी के नेतृत्व में, भारत जोड़ो यात्रा 2.0 हाइब्रिड मोड में होगी, जिसमें प्रतिभागी पैदल चलने के साथ-साथ वाहनों का उपयोग भी करेंगे।

क्या होगा रूट?

खबरों के मुताबिक, यात्रा के लिए दो रूट तलाशे जा रहे हैं। अगर यात्रा फाइनल होती है तो इसकी शुरुआत पूर्वोत्तर राज्य से होगी। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि इस संस्करण का विशेष फोकस उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र पर रहेगा। खबरों के मुताबिक, चूंकि प्रस्तावित अवधि आम चुनावों से पहले होगी, इसलिए पार्टी विपक्षी खेमे के अन्य प्रमुख चेहरों को भी यात्रा में शामिल करने की योजना बना रही है। यात्रा के पहले चरण की तरह, इस बार भी हर दिन के समापन बिंदु पर राहुल गांधी द्वारा संबोधित सार्वजनिक बैठकों की एक सूची की योजना बनाई जा रही है।

कन्याकुमारी से शुरू हुआ था पहला चरण

भारत जोड़ो यात्रा का पहला चरण, जो की 7 सितंबर, 2022 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुआ, जनवरी 2023 में श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में समाप्त होने से पहले लगभग 4,080 किलोमीटर की दूरी तय की। यह 12 राज्यों के 75 जिलों से होकर गुजरी। 126 दिनों में, यह भारत की सबसे लंबी पदयात्रा है। यात्रा के नेतृत्व में राहुल गांधी के साथ, कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए इस जन आंदोलन का प्राथमिक उद्देश्य केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ भारत को एकजुट करना था। साथ ही इसका उद्देश्य बेरोजगारी और असमानता जैसे अन्य सामाजिक-आर्थिक मुद्दों को साधना भी था।

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