Aadhaar Card Verdict: मोबाइल, बैंक खातों सहित कई चीजों में आधार की अनिवार्यता खत्म करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने स्वागत किया. साथ ही एक के बाद एक ट्वीट कर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जोरदार हमला भी बोला है.
नई दिल्लीः Aadhar Verdict: आधार की अनिवार्यता को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है जिसमें शीर्ष अदालत ने कई चीजों में आधार की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया. सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने स्वागत करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने एक बाद एक ट्वीट कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के आधार पर दिए निर्णय ने कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए सवालों पर नागरिकों के ‘निजता के अधिकार’ को स्वीकार किया.
सुरजेवाला ने लिखा कि केंद्र की मोदी सरकार के निजता का लगा घोंटू सेक्शन 57 को खारिज किया. अब सरकार बैंक खातों, मोबाइल फोन, स्कूल आदि से नहीं जोड़ सकेगी. उन्होंने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के आधार के फैसले ने व्यक्ति के निजता के अधिकार को बनाए रखा और मोदी सरकार के क्रूर सेक्शन 57 को सिरे से खारिज कर दिया है. रणदीप सुरजेवाला ने एक के बाद एक ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के आधार पर फैसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज आधार की अनिवार्यता कई चीजों के लिए खत्म कर दी है. जैसे मोबाइल नंबर से आधार लिंक, बैंक खातों को आधार से लिंक कराना. साथ ही सीबीएसई, नीट परीक्षाओं के लिए आधार की जरूरत नहीं पड़ेगी. वहीं स्कूल में भी एडमिशन के लिए अब आधार कार्ड देने की जरूरत नहीं होगी. हालांकि सरकार की लाभकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ पाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होगा और आईटीआर भरने और पैन कार्ड के लिए भी इसकी अनिवार्यता तो खत्म नहीं किया गया है.
Aadhar Verdict: जानें क्या था सेक्शन 57
आपको बता दें कि सेक्शन 57 के तहत किसी शख्स की पहचान सत्यापित करने के लिए आधार की जानकारी को इस्तेमाल करने की इजाजत थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ऐसा नहीं किया जा सकेगा. जजों ने कहा कि किसी भी तरह के लिए पहले ही तमाम व्यवस्थाएं मौजूद हैं. ऐसे में आप इस सेक्शन के तहत लोगों के निजता में दखल नहीं दे सकते .
#AadharVerdict
The Congress led UPA’s vision of Aadhaar was always voluntary and never mandatory.This is an endorsement of the UPA’s vision for Aadhar and a rejection of the NDA’s clumsy attempt to gather meta data on its citizens without any rationale.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 26, 2018
#AadharVerdict
Quashing of Modi Government’s Surveillance Tool; Sec 57 puts an end to abuse of power.SC ends the mass surveillance exercise being carried out under the guise of Aadhar by the Central Government and the grotesque distortion of an idea conceived by the UPA.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 26, 2018
#AadhaarVerdict
सुप्रीमकोर्ट के ‘आधार’ निर्णय ने कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए सवालों पर नागरिकों के ‘निजता के अधिकार’ को स्वीकार कियासुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के निजता का ‘गला घोंटू’ सेक्शन 57 को ख़ारिज किया-अब सरकार आधार को बैंक खातों,मोबाइलफ़ोन,स्कूल आदि से नहीं जोड़ सकेगी।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 26, 2018
#AadhaarVerdict upholds the individual’s ‘right to privacy’.
Modi Govt’s draconian Section 57 quashed – Bank A/c, Mobile, School, Airlines, Travel Agents, Pvt entities requiring Aaadhar Data quashed.
Time to take next step to destroy the citizen’s data so collected now.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 26, 2018
*NewsFirst* : Aadhaar Act largely as enacted originally in its pristine glory upheld by Supreme Court with 4 : 1 majority but with all distortions, deviations, add ONS etc rejected
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) September 26, 2018
'Subterfuge' by the BJP. Justice Chandrachud said, "Ruling party many not have majority in Rajya Sabha, but it shouldn’t have introduced Aadhaar bill as Money Bill…That would qualify as subterfuge…The debasement of democratic institutions cannot be allowed."#AadhaarJudgment
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) September 26, 2018
Another major blow to the BJP govt. Justice Chandrachud says that Aadhaar Act needn't have been a money bill. Through a dictatorial and undemocratic act, the BJP govt passed the Act without the Rajya Sabha debating it. #AadhaarJudgment
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) September 26, 2018
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