नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने आज लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर सभी विपक्षी पार्टियां एक हो गईं तो भारतीय जनता पार्टी आगामी आम चुनाव में 100 से ज्यादा सीटें नहीं जीतने वाली है. सांसद तिवारी ने कहा कि बीजेपी इस वक्त डरी और सहमी हुई है. बता दें कि इससे पहले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी 2024 के चुनाव में बीजेपी की हार की बात कह चुके हैं.
शिवसेना उद्धव गुट के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने 31 मई को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि 2024 के बाद देश में गठबंधन पार्टियों की सरकार होगी. उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी पूरी तरह से एकजुट है. इससे पहले राउत ने कहा था कि 2024 में जिस गठबंधन की सरकार केंद्र की सत्ता में आएगी, उसमें कांग्रेस पार्टी प्रमुख होगी. कांग्रेस के बिना देश में विपक्षी दलों की कोई भी गठबंधन सरकार नहीं बन सकती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि कांग्रेस देश का मुख्य विपक्षी दल और अन्य क्षेत्रीय दल हैं.
बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने 8 जून को पटना में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर हम सभी विपक्षी दल एक हो गए तो कोई नहीं टिकने वाला है. फिर चाहे वो मोदी जी हों या फिर कोई और. इसके साथ ही आरजेडी नेता ने महंगाई और बेरोजगारी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. बिहार के डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि जब हम मोदी सरकार से महंगाई और बेरोजगारी को लेकर सवाल करते हैं तो ये बीजेपी वाले लोग हिंदू, मुसलमान, मंदिर, मस्जिद की बात करने लगते हैं. इन्हें सिर्फ हिंदू-मुस्लिम की बात करना आता है. ये लोग समाज में जहर बोते हैं. तेजस्वी ने कहा कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले हम सब विपक्षी दलों के लोग एक हो गए तो मोदी जी हो या और कोई हो वो हमारे सामने टिकने वाला नहीं है.
गौरतलब है कि, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने भी आम चुनाव के लिए कमर कस ली है. देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी-बड़ी रैलियां कर बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है. दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने भी चुनाव के लिए अपनी कमर कस ली है. जहां कुछ विपक्षी दलों ने चुनाव पूर्व गठबंधन की किसी संभावना से इनकार करते हुए अकेले मैदान में उतरने का फैसला किया है. वहीं कुछ दल ऐसे हैं जो चाहते हैं कि विपक्षी पार्टियां एक साथ आकर चुनाव लड़ें. इससे बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का सिर्फ एक उम्मीदवार खड़ा होगा और विपक्षी वोटों में बिखराव नहीं हो पाएगा.