पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पकौड़े बेचने का रोजगार बताने पर निशाना साधा है. रविवार को वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने ट्वीट किया, 'पीएम ने कहा कि पकौड़े बेचना भी एक जॉब है. इस तर्क से तो भीख मांगना भी एक जॉब है. अब उन गरीब और अक्षम लोगों को भी रोजगार पाने वाले लोगों की संख्या में गिना जाना चाहिए, जिन्हें मजबूरी में भीख मांगकर गुजारा करना पड़ रहा है.' चिदंबरम ने मनरेगा, मुद्रा योजना और अन्य योजनाओं के जरिए रोजगार पैदा करने को लेकर भी सरकार को नाकाम बताया.
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में एक इंटरव्यू में पकौड़े बेचने को रोजगार बताया था. जिसके बाद विपक्षी दलों और अन्य नेताओं ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. इसी कड़ी में देश के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रविवार को ट्वीट कर पीएम मोदी द्वारा पकौड़े बेचने को रोजगार बताने पर तंज कसा. चिदंबरम ने ट्वीट के जरिए पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर पकौड़ा बेचना भी नौकरी है तो फिर भीख मांगने को भी रोजगार के एक विकल्प के तौर पर देखा जाना चाहिए.
पी. चिदबंरम ने ट्वीट किया, ‘पीएम ने कहा कि पकौड़े बेचना भी एक जॉब है. इस तर्क से तो भीख मांगना भी एक जॉब है. अब उन गरीब और अक्षम लोगों को भी रोजगार पाने वाले लोगों की संख्या में गिना जाना चाहिए, जिन्हें मजबूरी में भीख मांगकर गुजारा करना पड़ रहा है.’ रविवार को पूर्व वित्त मंत्री ने रोजगार और इससे जुड़े मुद्दों पर भी मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. चिदंबरम ने मोदी सरकार को मनरेगा, मुद्रा योजना और अन्य योजनाओं के जरिए रोजगार के अवसर पैदा करने में नाकाम बताया.
5. Even selling pakodas is a 'job' said PM. By that logic, even begging is a job. Let's count poor or disabled persons who are forced to beg for a living as 'employed' people.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 28, 2018
पूर्व वित्त मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘एक मंत्री का कहना है कि मनरेगा वर्कर्स को भी नौकरी करने वालों में गिनना चाहिए. यदि वह जॉब है तो क्या सिर्फ 100 दिन के लिए है और बाकी 265 दिन उन्हें बेरोजगार रहना पड़ता है.’ बताते चलें कि 19 जनवरी को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने एंकर द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था, ‘अगर आपके दफ्तर के बाहर एक शख्स पकौड़े बेचता है और शाम को 200 रुपये लेकर घर पहुंचता है तो क्या उसे रोजगार माना जाएगा या नहीं?’ पीएम मोदी के इस बयान का विपक्ष के नेताओं समेत सोशल मीडिया पर खूब मजाक उड़ाया गया.