पटना। भारतीय राजनीति मे लगातार हाशिए पर जा रही कांग्रेस अब अपने वर्चस्व को लेकर चिंतित है, जहां वह अपनी नीतियों को ही सर्वश्रेष्ठ मानती थी, वहीं वह अब दूसरी पार्टियों की नीतियों को देखते हुए अपनी योजनाएं बना रही है। पहले राहुल गांधी ने भाजपा को देखते हुए सॉफ्ट हिंदुत्व की नीति अपनाई थी, […]
पटना। भारतीय राजनीति मे लगातार हाशिए पर जा रही कांग्रेस अब अपने वर्चस्व को लेकर चिंतित है, जहां वह अपनी नीतियों को ही सर्वश्रेष्ठ मानती थी, वहीं वह अब दूसरी पार्टियों की नीतियों को देखते हुए अपनी योजनाएं बना रही है। पहले राहुल गांधी ने भाजपा को देखते हुए सॉफ्ट हिंदुत्व की नीति अपनाई थी, अब बिहार मे उन्होने जेडीयू और भाजपा की इस चाल को अपनाते हुए अपना पैंतरा चल दिया है, देखने वाली बात यह होगी कि, क्या कांग्रेस का यह पैंतरा बिहार में काम आएगा या नहीं?
बिहार में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने बड़ा फैसला लिया है बिहार प्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है साथ ही उनकी जगह राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे अखिलेश प्रसाद सिंह को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। कांग्रेस ने यह फैसला जेडीयू और भाजपा को देखते हुए लिया होगा। क्योंकि जेडीयू के ललन सिंह और भाजपा ने विजय कुमार सिन्हा क्रमश: राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बनाया है। यह दोनों ही भूमिहार जाति से आते हैं। इस बार कांग्रेस ने ब्राह्मण पर दांव न खेलते हुए भूमिहार का पैंतरा बनाया है।
इससे पहले भी कांग्रेस भाजपा की राह पर चलने के लिए मजबूर हुई थी, आप सभी को याद होगा कि, पिछले गुजरात चुनावों के दौरान राहुल गांधी अपना जनेयू दिखाकर ब्राह्मण होने का सबूत दे रहे थे, वहीं दूसरी ओर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी राहुल गांधी एव उनकी बहन प्रियंका गांधी मंदिरों का दौरा एवं पूजा अर्चना करते हुए नज़र आए।
हम आपको बता दें कि, भाजपा पर हिंदुत्व का आरोप लगाने वाली कांग्रेस अब लगातार उसी राह पर चल रही है जिसकी वह निंदा करती हुई नज़र आती थी।