नई दिल्ली: कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने बुधवार, 17 जुलाई को एक कैबिनेट फैसले पर मुहर लगाई थी जिसमें कहा गया था कि कर्नाटक के प्राइवेट सेक्टर की सभी कम्पनियों में कन्नड लोगों को 100 प्रतिशत आरक्षण देने की बात थी. अब कर्नाटक सरकार ने कैबिनेट के इस फैसले पर रोक लगा दी है. आरक्षण […]
नई दिल्ली: कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने बुधवार, 17 जुलाई को एक कैबिनेट फैसले पर मुहर लगाई थी जिसमें कहा गया था कि कर्नाटक के प्राइवेट सेक्टर की सभी कम्पनियों में कन्नड लोगों को 100 प्रतिशत आरक्षण देने की बात थी. अब कर्नाटक सरकार ने कैबिनेट के इस फैसले पर रोक लगा दी है.
कर्नाटक सरकार के आरक्षण पर फैसले लेने के कुछ घंटे बाद ही सरकार ने इसे स्थगित कर दिया है. सीएम सिद्धारमैया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा था कि कर्नाटक में स्थित सभी प्राइवेट कम्पनियों में कन्नड लोगों को ग्रुप’C’ और ग्रुप ‘D’ की नौकरियों में 100 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. इसका देशभर में खूब विरोध हुआ था जिसके बाद सीएम ने इस पोस्ट को अपने अकाउंट से डिलीट कर दिया.
निजी क्षेत्र के संस्थानों, उद्योगों और उद्यमों में कन्नड़ लोगों के लिए आरक्षण लागू करने के उद्देश्य से लाया गया विधेयक अभी शुरुआती चरण में है. अगली कैबिनेट बैठक में व्यापक चर्चा के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने सोमवार को पोस्ट कर कहा कहा था कि,” कैबिनेट बैठक में राज्य के निजी उद्योगों और अन्य संगठनों में कन्नड़ लोगों के लिए प्रशासनिक पदों के लिए 50% और गैर-प्रशासनिक पदों के लिए 75% आरक्षण तय करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी गई. हमारी सरकार की इच्छा है कि कन्नड़ लोगों को कन्नड़ की धरती पर नौकरियों से वंचित न होना पड़े और उन्हें मातृभूमि में आरामदायक जीवन जीने का अवसर मिले. हम कन्नड़ समर्थक सरकार हैं. हमारी प्राथमिकता कन्नड़ लोगों के कल्याण का ध्यान रखना है.
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