नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को निजी शिक्षण संस्थानों में संविधान के अनुच्छेद 15(5) को लागू करने के लिए कानून बनाने की मांग दोहराई। यह अनुच्छेद 2005 में 93वें संशोधन अधिनियम के जरिए लागू किया गया था। जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को विशेष प्रावधानों के तहत आरक्षण देने की अनुमति देता है।
.@INCIndia’s statement on the need for a legislation to implement Article 15(5) of the Constitution of India pic.twitter.com/9NFZyANCHz
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 31, 2025
रमेश ने बयान में कहा कि कांग्रेस ने 2024 लोकसभा चुनाव घोषणापत्र “न्याय पत्र” में इस कानून को लागू करने का संकल्प लिया था। इसके अलावा, संसदीय स्थायी समिति ने भी अपनी 364वीं रिपोर्ट में अनुच्छेद 15(5) को प्रभावी बनाने के लिए कानून बनाने की सिफारिश की है।
संविधान का यह प्रावधान राज्य को OBC, SC और ST समुदायों के शैक्षणिक और सामाजिक विकास के लिए सरकारी और निजी (गैर-अल्पसंख्यक) शिक्षण संस्थानों में विशेष व्यवस्था करने की अनुमति देता है।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे लागू न करने पर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी का कहना है कि पिछले 11 वर्षों से यह अनुच्छेद सुप्रीम कोर्ट द्वारा मान्य है, लेकिन सरकार ने इसे प्रभावी बनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब देखना यह होगा कि क्या कांग्रेस की यह मांग राजनीतिक बहस को नया मोड़ देती है या सरकार इस पर कोई बड़ा फैसला लेती है।
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